नई दिल्ली: एक अदालत ने सोमवार को दिल्ली पुलिस को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया कि क्या वह उन अधिकारियों के खिलाफ जांच कर रही है, जो पिछले साल 15 दिसंबर को सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया में कथित तौर पर घुसे थे और छात्रों पर लाठीचार्ज किया था। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने जांच अधिकारी को नोटिस जारी किया और 25 फरवरी तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा मामले की जांच कर रही है।
अदालत ने प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास हिंसा से जुड़े मामले में मौजूदा जांच को लेकर दिल्ली पुलिस से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। पिछले साल 15 दिसंबर को इलाके में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक हो गया था। डीटीसी की चार बसें, 100 निजी वाहनों और पुलिस की 10 बाइकों में तोडफोड़ की गयी थी। पुलिस भी विश्वविद्यालय परिसर में घुसी थी और कथित तौर पर छात्रों पर हमला किया था।
अदालत ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईएसा) के सचिव चंदन कुमार द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता ने अदालत की निगरानी में जांच कराने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि जांच एजेंसी विश्वविद्यालय परिसर में ‘‘कहर बरपाने’’ वाले पुलिस कर्मियों को बचा रही है। वामपंथी रूझान वाले छात्र संगठन के नेता का नाम मामले में आरोपी के तौर पर दर्ज है।