नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को टेरी के पूर्व प्रमुख आर के पचौरी के खिलाफ उनकी पूर्व सहयोगी द्वारा दर्ज कराए गए कथित यौन उत्पीड़न के मामले में आरोप तय करने का आदेश दिया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट चारू गुप्ता ने भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (शीलभंग करने), धारा 354 ए (गलत तरीके से छूना और अश्लील टिप्पणी करने) और धारा 509 (अश्लील संकेत करने) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया।
हालांकि, अदालत ने कुछ अन्य धाराओं से पचौरी को आरोपमुक्त कर दिया और कहा कि 20 अक्तूबर को औपचारिक तौर पर आरोप तय किए जाएंगे। पचौरी के खिलाफ 13 फरवरी 2015 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी और 21 मार्च को मामले में उन्हें अग्रिम जमानत दे दी गयी थी। टेरी के पूर्व प्रमुख ने इससे पहले अतिरिक्त जिला न्यायाधीश से एक अंतरिम आदेश प्राप्त किया था जिसके तहत मीडिया घरानों को इस शीर्षक के साथ मामले के कवरेज को प्रकाशित या प्रसारित करना अनिवार्य कर दिया गया था कि ‘‘अदालत में, आरोप साबित नहीं हुए हैं और हो सकता है कि यह सही नहीं हों।’’
दिल्ली पुलिस द्वारा एक मार्च 2016 को दायर 1400 पेज से अधिक के आरोपपत्र में कहा गया कि पचौरी के खिलाफ इस बारे में ‘‘पर्याप्त साक्ष्य’’ हैं कि उन्होंने यौन उत्पीड़न, पीछा किया और शिकायतकर्ता को धमकी दी। मार्च 2017 में इस मामले में पूरक आरोपपत्र उस समय दायर किया गया था जब पुलिस ने कहा था कि उसने आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच के कई ‘डिलीट’ किये जा चुके ईमेल और चैट फिर से हासिल किये हैं।