नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ती से जुड़े एयरसेल-मैक्सिस मामले में सुनवाई अनिश्चित काल के लिए शुक्रवार को स्थगित करते हुए कहा कि सीबीआई और ईडी बार-बार स्थगन मांग रहे थे। विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने बिना कोई तारीख बताए सुनवाई स्थगित करते हुए कहा कि जब भी जांच पूरी हो जाए तो अभियोजन पक्ष अदालत का रुख कर सकता है।
अदालत ने एयरसेल मैक्सिस सौदे के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर धनशोधन के मामले के साथ ही सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में चिदंबरम और उनके बेटे को बृहस्पतिवार को अग्रिम जमानत दे दी थी। मामले में आरोपपत्र का संज्ञान लेने पर जिरह के लिए इसे सूचीबद्ध किया गया था। सीबीआई और ईडी की ओर से पेश हुए क्रमश: सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने इस आधार पर स्थगन मांगा कि ‘लेटर्स रोगेटरी’ पर जवाब का इंतजार है। एजेंसियों ने अदालत से इस मामले को अक्टूबर में पहले सप्ताह तक स्थगित करने का अनुरोध किया था।
अदालत ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष तारीख पर तारीख मांग रहा है। मामले को अनिश्चितकाल तक स्थगित किया जाता है। जब भी जांच पूरी हो जाए और उन्हें विभिन्न देशों से लेटर्स रोगेटरी प्राप्त हो जाएं तो अभियोजन पक्ष अदालत का रुख कर सकता है।’’ सीबीआई और ईडी इस बात की जांच कर रहे हैं कि 2006 में जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे तब उनके पुत्र कार्ती चिदंबरम को एयरसेल-मैक्सिस सौदे के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी कैसे मिली।
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान वित्त मंत्री रहते हुए कांग्रेस नेता ने कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी क्षमता से परे जाकर इस सौदे को मंजूरी दी और रिश्वत ली थी।