नई दिल्ली: साल के नौवें महीने का यह 13वां दिन दरअसल वर्ष का 256वां दिन है और साल पूरा होने में अभी 109 दिन बाकी हैं। 13 सितंबर का यह दिन देश के इतिहास में आतंकवाद की एक बड़ी घटना के साथ दर्ज है, जब आतंकवादियों ने 2008 में 13 सितंबर को शनिवार के दिन देश की अति सुरक्षित मानी जाने वाली राजधानी में 30 मिनट के अंतराल पर व्यस्त स्थानों पर चार बम विस्फोट किए थे।
हालांकि, कई स्थानों से समय रहते बम बरामद करके जानमाल के नुकसान को बढ़ने से रोक लिया गया था। आतंकियों ने दिल्ली का दिल माने जाने वाले कनाट प्लेस में धमाका किया और करोल बाग की व्यस्त गफ्फार मार्केट के साथ ही भीडभाड़ वाले ग्रेटर कैलाश-१ में भी बम विस्फोट किए। इन बम धमाकों में करीब 21 लोगों की मौत हुई थी और 90 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
इस भयानक आतंकी घटना ने दिल्ली ही नहीं पूरे देश को हिला दिया था। आतंकियों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने बम धमाकों से पहले कई मीडिया हाउस को ई-मेल भेजकर कहा था कि पांच मिनट में धमाके होने वाले हैं, अगर रोक सको तो रोक लो। यह ई-मेल इंडियन मुजाहिदीन (IM) के नाम से किया गया था। 2011 तक सीरियल ब्लास्ट के सिलसिले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
पहला धमाका करोल बाग़ इलाक़े में हुआ था। यह धमाका यहां इलेक्ट्रानिक सामान के लिए मशहूर गफ्फार मार्केट में शाम 6:10 बजे हुआ था। यहां एक आटो में विस्फोटक रखा गया था, जिससे हुए धमाके में करीब 20 लोग जख्मी हुए और कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। धमाके में घायल हुए लोगों को तुरंत पास के राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया था।
इस पहले धमाके के कुछ ही देर बाद दूसरा और तीसरा धमाका कनाट प्लेस में हुआ। यहां दो धमाके हुए थे। इनमें दस लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई। वहीं, इसके अलावा ग्रेटर कैलाश-1 के एम. ब्लाक में भी दो धमाके हुए थे।