नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली के भीड़भाड़ वाले अनाज मंडी क्षेत्र में स्थित एक चार मंजिला इमारत में चल रही अवैध फैक्टरी में रविवार की सुबह आग लगने से 43 लोगों की मौत हो गई। राष्ट्रीय राजधानी में उपहार सिनेमा त्रासदी के बाद अनाज मंडी में हुआ यह अग्निकांड दूसरी सबसे भयानक घटना है। हादसे में मारे गये ज्यादातर लोग बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिक हैं। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने अनाज मंडी अग्निकांड के संबंध में इमारत के मालिक रेहान और उसके प्रबंधक फुरकान को गिरफ्तार कर लिया है। उनपर IPC की धारा 304 और 285 के तहत मामला दर्ज किया है।
सीएम केजरीवाल ने दिए न्यायिक जांच के आदेश
आईपीसी की धाराओं 304 और 285 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले को अपराध शाखा को स्थानांतरित किया गया है। दिल्ली सरकार ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। सीएम ने सात दिनों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसी के साथ हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को “कड़ी से कड़ी” सजा दिलाने का वादा किया। उत्तर दिल्ली नगर निगम के मेयर अवतार सिंह ने कहा कि उन्होंने नगर निगम आयुक्त से एक टीम का गठन करने, घटनास्थल का दौरा करने और आग लगने के कारण का पता लगाने को कहा है।
CM केजरीवाल और PM ने किया मुआवजे का ऐलान
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटनास्थल का दौरा किया और मृतकों के परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपये तथा झुलसे लोगों को एक-एक लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है। वहीं, प्रधानमंत्री ने घटना में जान गंवाने लोगों के परिजन के लिए दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की। पीएमओ ने एक ट्वीट में बताया, ‘‘प्रधानमंत्री ने गंभीर रूप से झुलसे लोगों के लिए 50-50 हजार रुपये मंजूर किये हैं। यह राशि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दी जायेगी।”
इमारत के लिए नहीं थी दमकल विभाग की मंजूरी
पुलिस और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने के कारण हुई क्योंकि इमारत की दूसरी मंजिल पर सुबह लगभग पांच बजे जब आग लगनी शुरू हुई तो लोग सो रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि इमारत के लिए दमकल विभाग की मंजूरी भी नहीं थी। अधिकारियों ने बताया कि इकाइयों के पास दमकल विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं था। इलाके के तंग होने की वजह से बचाव अभियान में दिक्कत आई और दमकलकर्मी खिड़कियां काट कर इमारत में दाखिल हुए।
पांच बजकर 22 मिनट पर मिली आग की सूचना
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में प्रतीत होता है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। उन्होंने बताया कि आग लगने की जानकारी सुबह पांच बजकर 22 मिनट पर मिली, जिसके बाद दमकल की 30 गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि 150 दमकलकर्मियों ने बचाव अभियान चलाया और 63 लोगों को इमारत से बाहर निकाला। दमकल अधिकारियों ने बताया कि 43 श्रमिकों की मौत हुई और दो दमकलकर्मी घायल हुए हैं।
पीएम मोदी ने जताता दुख
इस घटना पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित कई नेताओं ने दुख जताया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली के रानी झांसी रोड पर अनाज मंडी क्षेत्र में आग लगने की घटना बेहद भयानक है। मृतकों के परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
दम घुटने से हुआ कई लोगों की मौत
दमकल अधिकारियों ने बताया कि इलाके के संकरा होने के कारण बचाव कार्य को अंजाम देने में दिक्कत आ रही है। जब आग लगी तो कई मजदूर गहरी नींद में थे। इमारत में हवा आने-जाने की उचित व्यवस्था नहीं थी इसलिए कई लोगों की मौत दम घुटने से हुई। इमारत में बड़ी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) गैस और धुंएं का गुबार मिला है। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर आदित्य प्रताप सिंह ने इसके बारे में जानकरी दी।
इमारत में मिली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि दिल्ली अग्निशमन सेवा द्वारा आग पर काबू करने के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने इमारत में गैस डिटेक्टरों की सहायता से जहरीली गैस का पता लगाया। उन्होंने कहा, “हमें बड़ी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) गैस मिली। उसके बाद हमने इमारत की अच्छे से जांच की। इमारत की तीसरी और चौथी मंजिल पूरी तरह से धुएं से भरी हुई थी जिसमें कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा अधिक थी।”
झुलसे हुए लोगों चल रहा है इलाज
सभी झुलसे हुए लोगों और मृतकों को आरएमएल अस्पताल, एलएनजेपी और लेडी हार्डिंग अस्पताल ले जाया गया है, जहां लोग अपने रिश्तेदारों को ढूंढने में लगे हैं। एलएनजेपी के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर किशोर सिंह ने बताया कि इस अस्पताल में 34 लोगों को मृत लाया गया था और लोगों के मरने की मुख्य वजह धुएं की चपेट में आकर दम घुटना है। कुछ शव जले हुए थे। उन्होंने बताया कि एलएनजेपी में लाए गए 15 झुलसे लोगों में से नौ निगरानी में हैं और कई आंशिक रूप से झुलसे हैं। नौ लोगों को लेडी हार्डिंग अस्पताल में मृत लाया गया।
“त्रासदी” पर नेताओं ने जताया दुख
वर्ष 1997 में उपहार सिनेमा त्रासदी के बाद दिल्ली में यह सबसे भयानक हादसा है। उपहार सिनेमा त्रासदी में 59 लोगों की मौत हुई थी। केजरीवाल और उनकी कैबिनेट के सहयोगियों इमरान हुसैन और सत्येन्द्र जैन घटनास्थल पर पहुंचे। कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने आग लगने की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अनुराग ठाकुर, भाजपा सांसद मनोज तिवारी और विजय गोयल भी मौके पर गये। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मृत लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है।
लाशों पर राजनीति, कांग्रेस-भाजरा-APP में बयानबाजी
इस बीच इस अग्निकांड के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया। भाजपा ने इस घटना के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है तो वही आप ने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी शवों को लेकर राजनीति कर रही है। कांग्रेस ने यहां सभी तीनों नगर निगमों में सत्तारूढ़ भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) पर शहर में हुए इस भयानक हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा, ‘‘केजरीवाल सरकार इसके लिए जिम्मेदार है। नगर निगम भी भाजपा के तहत आते हैं। वे भी इसके लिए उतने ही जिम्मेदार हैं।’’
भाजपा ने केजरीवाल पर लगाए आरोप
भाजपा नेता तिवारी ने कहा कि क्षेत्र में बिजली की तार लटक रही है लेकिन कई शिकायतों के बाद भी सरकारी एजेंसियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। तिवारी ने भाजपा की ओर से पीड़ितों के परिवारों के लिए पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को इलाज के लिए 25-25 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। पार्टी ने इस हादसे के मद्देनजर आज दिन के अपने सभी कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि यह दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है कि वह आवासीय क्षेत्रों में चल रहे अवैध कारखानों के खिलाफ कार्रवाई करे और इस तरह की घटनाओं को रोके।
आप ने किया आरोपों पर पलटवार
आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि यह ‘‘शर्मनाक’’ है कि भाजपा शवों को लेकर राजनीति करने में लिप्त है। सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘यह भाजपा है जो आवासीय क्षेत्रों में विनिर्माण इकाइयां चलाने के वास्ते लाइसेंस जारी करने के लिए जिम्मेदार है। अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करने के बजाय भाजपा ने पीड़ितों के शवों को लेकर राजनीति करनी शुरू कर दी है।’’
विधानसभा का आपात सत्र बुलाने की मांग
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने मांग की कि केजरीवाल सरकार को इस तरह की घटनाओं को रोकने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए विधानसभा का एक आपात सत्र बुलाना चाहिए। वहीं, बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने इस हादसे के लिए दिल्ली के बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं मौके पर गया, तारों के एक जाल को देखा। इसके लिए बिजली विभाग जिम्मेदार है। बिहार के मुख्यमंत्री हालात पर नजर बनाए हुए हैं और मेरा मानना है कि मृतकों की संख्या 43 से अधिक हो जायेगी।’’
(इनपुट- भाषा)