नयी दिल्ली: दिल्ली रिहाइशी इलाकों में आज हवा में नाइट्रोजन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गयी है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषण के कारक पार्टिकुलेट तत्वों और हवा की गुणवत्ता को दर्शाने वाले सूचकांक (एक्यूआई) में कल की तुलना में मामूली गिरावट के बावजूद दिल्ली की हवा आज भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बरकरार है। अधिकतम 500 अंक वाले सूचकांक पर हवा की गुणवत्ता का स्तर आज 378 पर आ गया। कल यह 390 के स्तर पर पहुंच गया था जबकि रविवार को इसका स्तर 351 था।
इस बीच पिछले 24 घंटे में हवा में दिल्ली के प्रमुख रिहायशी क्षेत्रों दिलशाद गार्डन, आईटीओ, मंदिर मार्ग, आनंद विहार और आर के पुरम क्षेत्र में एनओटू की मात्रा सुरक्षित स्तर 80 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को पार गयी। इसके कारण इन इलाकों में हवा में जहरीले तत्वों का स्तर बढ़ने से लोगों की परेशानी भी बढ़ गयी। आर के पुरम के घनी आबादी वाले इलाकों में एनओटू का स्तर 135 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और आईटीओ पर भारी यातायात के कारण इसका स्तर 206 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। पिछले एक सप्ताह में एनओटू का स्तर आनंद विहार में 195 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और दिलशाद गार्डन में 127 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर पहुंच गया है।
सीपीसीबी के मुताबिक हवा में प्रदूषण बढ़ाने वाले तत्वों, पीएम 2 .5 और पीएम 10 के स्तर में मामूली गिरावट दर्ज की गयी। सीपीसीबी के नियंत्रण कक्ष द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में आज शाम पांच बजे पीएम 2.5 का स्तर कल 276 से घट कर 261 और पीएम 10 का स्तर 455 से घटकर 438 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर आ गया है। इसके आधार पर प्रदूषण को अतिगंभीर या आपात स्थिति के निकटवर्ती बताया गया है। प्रदूषण मानकों के मुताबिक पीएम 2.5 का स्तर 300 और पीएम 10 का स्तर 500 से अधिक होने पर प्रदूषण से उपजे हालात को आपात श्रेणी में रखा जाता है। सामान्य स्थिति में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर क्रमश: 60 और 100 होना चाहिये।
सीपीसीबी के दिल्ली में 17 प्रदूषण निगरानी केन्द्रों में से छह पर हवा की गुणवत्ता को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बताते हुये अधिक समय तक खुले में रहने पर सांस संबंधी व्याधियों से परेशानी बढ़ने की चेतावनी जारी की गयी है। इसमें स्वस्थ लोगों को अधिक समय में खुली हवा में रहने से बचने और पहले से सांस और हृदय रोगों से पीड़ित लोगों पर दूषित हवा का गंभीर असर होने के प्रति सचेत किया गया है।