नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन भी गुरूवार को ‘‘बहुत खराब’’ रही। इस बीच, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने औचक निरीक्षण करने के लिए छह सदस्यीय एक टीम गठित की है। अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली के कई इलाकों में प्रदूषण की स्थिति ‘‘गंभीर’’ श्रेणी के करीब रही। हवा में मौजूद 2. 5 माइक्रोमीटर से कम परिधि वाले महीन कण (पीएम 2. 5) एक नये स्तर पर पहुंच गया और यह 158 दर्ज किया गया। अधिकारियों ने आने वाले दिनों में इसमें और वृद्धि होने का पूर्वानुमान जताया है।
वहीं, ‘‘पीएम 10’’ का स्तर 332 रहा। पीएम 10 की तुलना में ‘‘पीएम 2. 5’’ स्वास्थ्य के लिए कहीं अधिक खतरनाक है। केंद्र द्वारा संचालित ‘सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च’ के मुताबिक, दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 315 दर्ज किया गया। इस मौसम में बुधवार को पहली बार एक्यूआई 315 दर्ज किया गया था। फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुड़गांव, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी वायु गुणवत्ता बहुत खराब दर्ज की गई।
शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को ‘‘अच्छा’’, 51 से 100 के बीच के एक्यूआई को ‘‘संतोषजनक’’, 101 और 200 के बीच के एक्यूआई को ‘‘मध्यम’’, 201 और 300 के बीच के एक्यूआई को ‘‘खराब’’, 301 और 400 के बीच के एक्यूआई को ‘‘बहुत खराब’’ जबकि 401 और 500 के बीच के एक्यूआई को ‘‘गंभीर’’ माना जाता है।
हुसैन ने कहा कि जमीनी स्तर पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जांच के लिए निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने पीडब्ल्यूडी द्वारा संचालित किए जा रहे मेकेनिकल स्वीपिंग (सड़क से धूल हटाने) और स्प्रींकलिंग (पानी का छिड़काव करने वाले) वाहनों का ब्योरा और उनके कामकाज का कार्यक्रम भी मंगाया है।
वहीं, सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली कैबिनेट ने गुरूवार को एक प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके मुताबिक डीटीसी क्लस्टर बसों में मेट्रो कार्ड के इस्तेमाल पर 10 प्रतिशत प्रतिशत की छूट मिलेगी। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि डीटीसी बसों में मेट्रो कार्ड का इस्तेमाल 24 अगस्त को शुरू किया गया था। बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर अधिक से अधिक लोगों को सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर यह जरूरी है।
उन्होंने हरियाणा और पंजाब सरकारों से दिल्ली सहित उत्तर भारत में हवा की खराब होती गुणवत्ता के मद्देनजर कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘ केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए। दिसंबर और जनवरी पास आ रहा है, ऐसे में दिल्ली सहित समूचा उत्तर भारत एक गैस चैम्बर बनने के करीब है।’’
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक गुरूवार को आनंद विहार का एक्यूआई 317, द्वारका सेक्टर-8 का एक्यूआई 353, आईटीओ का एक्यूआई 295, जहांगीरपुरी का एक्यूआई 336 और रोहिणी का एक्यूआई 344 दर्ज किया गया। सीपीसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हालात की निगरानी की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम आशा करते हैं कि मौसम संबंधी परिस्थितियों में आंशिक सुधार होने के साथ वायु गुणवत्ता बेहतर हो जाएगी। लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम सख्त कदम उठाएंगे।’’ सीपीसीबी के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि वायु की गुणवत्ता खराब होने के लिए कई सारे कारण जिम्मेदार हैं जिनमें वाहनों से होने वाला प्रदूषण और विनिर्माण गतिविधियां भी शामिल हैं।