नई दिल्ली: दिल्ली-NCR में हवा की गुणवत्ता हर बीतते दिन के साथ खराब होती जा रही है। देश की राजधानी में हवा की क्वालिटी बेहद खराब स्थिति में है। यह पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में जलने वाली पराली का असर है। बुधवार शाम को दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानि AQI 300 के करीब दर्ज किया गया, जो बेहद खराब माना जाता है।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीर से भी पंजाब और हरियाणा के कई शहरों में पराली जलाने की घटना सामने आई है। नासा ने जो तस्वीर जारी की है उनमें दिख रहा है कि अमृतसर, पटियाला, तरण-तारण और फिरोजपुर के साथ ही हरियाणा के अंबाला और राजपुरा में काफी पराली जलाई जा रही है।
वहीं, भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतरगत आने वाले वायु गुणवत्ता मॉनिटर SAFAR ने कहा कि हवा की दिशा पराली के धुएं को खींचने के लिए आंशिक रूप से अनुकूल थी। इसलिए, दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हुई। पिछले 24 घंटे के दौरान दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 312 दर्ज किया गया।
ऐसे में देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने गुरुवार से नए अभियान की शुरुआत की है और दिल्ली की सड़कों पर गाड़ी चलाने वालों से अपील की है कि सड़क पर जब भी ट्रैफिक सिग्नल लाल हो जाए और गाड़ी रोकना पड़े तो अपनी गाड़ी को बंद कर दें।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस अभियान का नाम 'रेड लाइट ऑन तो गाड़ी ऑफ' दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में करीब 1 करोड़ पंजीकृत वाहन हैं और मौजूदा समय में रोजाना 30-40 लाख गाड़ियां रोजाना सड़कों पर निकल रही हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अगर 10 लाख गाड़ियां भी रोजाना इस अभियान के तहत रेड लाइट पर अपना इंजन बंद करेंगी तो इससे सालभर में PM 10 प्रदूषण 1.5 टन तथा PM 2.5 प्रदूषण 0.4 टन कम हो जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि दिल्ली में रोजाना औसतन एक गाड़ी 15-20 मिनट रेड लाइट पर बिताती है और इस दौरान इंजन के चलते रहने से लगभग 200 मिलीलीटर तेल की खपत होती है, लेकिन इंजन अगर बंद होगा तो उस तेल की बचत होगी और सालाना लगभग हर गाड़ी वाले को 7000 रुपए बचेंगे।
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि गाड़ी रेड लाइट पर खड़ी होने के समय अगर इंजन चलता है तो ज्यादा तेल की खपत होती है जबकि चलती गाड़ी में कम तेल इस्तेमाल होता है।
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या फिर से बढ़ गई है और पड़ौसी राज्यों में जल रही पराली का धूआं दिल्ली की हवा को प्रदूषित कर रहा है जिस वजह से दिल्ली वालों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। प्रदूषण का स्तर और न बढ़े इसके लिए दिल्ली सरकार ने इस अभियान की शुरुआत की है।