नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता के 'गंभीर' स्थिति में पहुंचने के बाद सोमवार को दिल्ली-एनसीआर के ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में औद्योगिक गतिविधियों और निर्माण कार्य पर बुधवार तक के लिए रोक लगा दी। दिवाली के बाद से ही दिल्ली में उच्चतम स्तर के प्रदूषण की स्थिति है। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता सोमवार को लगातार तीसरे दिन ‘गंभीर’ स्तर पर रही क्योंकि हवा की गति और प्रदूषकों को तितर-बितर करने वाले अन्य कारकों का अभाव रहा।
अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी है कि घर के बाहर की गतिविधियां कम कर दें और निजी वाहनों का इस्तेमाल करने से बचें। ईपीसीए अध्यक्ष भूरे लाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव विजय कुमार देव को एक पत्र लिखकर कहा, ‘‘वजीरपुर, मुंडका, नरेला, बवाना, साहिबाबाद और फरीदाबाद जैसे प्रमुख औद्योगिक इलाकों में स्थित उद्योग बुधवार तक बंद रहेंगे।'' ईपीसीए ने दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद और नोएडा में भी बुधवार तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने कहा कि यह प्रतिबंध सोमवार से ही लागू है और उद्योगों और निर्माण प्राधिकारियों को तत्काल निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए पत्र भेजे जा रहे हैं। ईपीसीए ने यातायात पुलिस को वाहनों के सुचारू संचालन के लिए विशेष दल तैनात करने का निर्देश दिया है। ईपीसीए ने संबंधित पुलिस विभाग से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि भारी वाहन ‘ईस्टर्न एंड वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस’ से ही गुजरें।
संबंधित एजेंसियों को गैरकानूनी उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने और प्रदूषण को नियंत्रण में करने के सभी प्रयास खास तौर पर कचरे को जलाने से रोकने को कहा है। ये सभी अनुशंसाएं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) नीत कार्य बल ने किया था। दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई थी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस साल का दूसरा सबसे उच्चतम प्रदूषण स्तर रविवार को 450 दर्ज किया। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (आईआईटीएम) के अनुसार वायु गुणवत्ता में मंगलवार को सुधार हो सकता है लेकिन यह ‘बेहद खराब से गंभीर’ श्रेणी में बनी रहेगी।