नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में जहरीले धुंध की परत छाने के बीच वायु की गुणवत्ता बुधवार को ' खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। सर्दियों के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या गहराने लगी है। आस-पास के राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार प्रदूषित हो रही है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था ‘सफर’ ने कहा कि वायु की गुणवत्ता 31 अक्टूबर तक बहुत खराब श्रेणी में बनी रहने की आशंका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, आईटीओ का वायु गुणवत्ता सूचकांक 274 (खराब श्रेणी) है।
वहीं, आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार जल्द ही एक नया कानून लाएगी। पर्यावरण मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। पर्यावरण सचिव आरपी गुप्ता ने कहा, ''नया कानून केवल दिल्ली और एनसीआर के लिए होगा। यह जल्द ही सामने आएगा। इसके जुर्माने संबंधी सूचना पर मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। यह नया कानून केवल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए है। वायु कानून राष्ट्र के लिए है और यह जस का तस रहेगा।''
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के खराब होते स्तर को लेकर चिंता जताई थी और केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि वह प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नया कानून लाएगा और उसके समक्ष चार दिन के भीतर एक प्रस्ताव पेश करेगा। इसके बाद ही गुप्ता की यह प्रतिक्रिया सामने आई है। वहीं, सोमवार को भी लगातार चौथे दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक के तहत वायु गुणवत्ता का स्तर 353 रहा जो 'बेहद खराब' की श्रेणी में आता है।