नयी दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता में शुक्रवार को मामूली सुधार हुआ और प्रदूषण का स्तर गंभीर के बजाय बेहद खराब की श्रेणी में दर्ज किया गया। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि तापमान में गिरावट के चलते इसके फिर से ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। तापमान घटने की वजह से प्रदूषक तत्वों के बिखराव की गति धीमी हो जाती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 394 दर्ज किया जो बहुत खराब की श्रेणी में आता है जबकि केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने भी एक्यूआई 372 दर्ज किया जो बहुत खराब स्तर का माना जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई थी जिसमें शुक्रवार को मामूली सुधार देखा गया लेकिन इसके फिर से गंभीर हो जाने की आशंका है। सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक 11 इलाकों में प्रदूषण का स्तर गंभीर रहा जबकि 24 इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में गाजियाबाद में गंभीर वायु गुणवत्ता दर्ज की गई जबकि फरीदाबाद, गुड़गांव और नोएडा में यह बहुत खराब की श्रेणी में रही।
सीपीसीबी के मुताबिक दिल्ली की हवा में अतिसूक्ष्म कणों पीएम2.5 का स्तर 241 और पीएम 10 का स्तर 376 दर्ज किया गया। भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक वेंटिलेशन सूचकांक प्रति सेकेंड 5,000 वर्ग मीटर दर्ज किया गया जो प्रदूषक तत्वों के बिखराव के लिए कुछ हद तक अनुकूल है। वहीं सफर का कहना है कि हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण स्तर में आज शाम से लेकर कल तक कुछ सुधार रहेगा हालांकि दिल्ली के आस-पास के उत्तरी भारत के इलाकों में ठंडी एवं बहुत ठंडी हवाएं चलने की वजह से बहुत अधिक सुधार की गुंजाइश नहीं है।