नई दिल्ली: आज एक बार फिर दिल्ली की सुबह बेहद जहरीले प्रदूषण के साथ हुई। ठंड के आगाज और पराली के धुएं की वजह से दिल्ली एनसीआर में पॉल्यूशन बेहद ही खतरनाक लेवल तक पहुंच गया है। दिल्ली के कई इलाकों में पीएम 2.5 और पीएम 10 का लेवल बेहद खतरनाक स्तर तक है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद आज से पॉल्यूशन पर एक्शन शुरू हो गया है। दिल्ली के कई इलाकों में पेड़ों पर पानी का छिड़काव हो रहा है। इसके अलावा प्रदूषण कर रहे लोगों पर कार्रवाई के लिए 44 टीमें बनाई गई है।
दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका है आनंद विहार है जहां पीएम 2.5 का लेवल 427 और पीएम 10 का लेवल 860 है जो जानलेवा है। पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में पीएम 2.5 का लेवल 427 और पीएम 10 का स्तर 402 है जो बेहद खतरनाक है। अगर बात दिल्ली के मथुरा रोड की करें तो हवा में घुले धूलकणों का लेवल बेहद खतरनाक है तो वहीं दिल्ली के लोधी रोड पर पीएम 2.5 का लेवल 335 और पीएम 10 का लेवल 245 तक है। दिल्ली में प्रदूषण पर रोक लगाने में जब सरकारें नाकाम रहीं तो सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया जिसके बाद आज से पॉल्यूशन पर एक्शन शुरू हो गया है। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार ने 44 ज्वाइंट टीम बनाई है जो दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई करेगी। कोर्ट के आदेश के बाद 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल गाड़ियों के चलने पर रोक लग गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में हर तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। गाजियाबाद में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का काम रोक दिया गया है तो वहीं गाजियाबाद में दिल्ली मेट्रो के कंस्ट्रक्शन साइट पर काम बंद हो गया है। दिल्ली-एनसीआर में कूड़ा समेत हर तरह की सामग्री जलाने पर रोक लगा दी गई है। आज से दिल्ली के कई इलाकों में एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल हो रहा है तो वहीं दिवाली पर दिल्ली में सिर्फ ग्रीन पटाखे ही जलाए जा सकेंगे और वो भी रात 8 से 10 बजे तक। दिल्ली और एनसीआर में बढ़ता पॉल्यूशन हर रोज हमारी, आपकी जिंदगी कम कर रहा है लेकिन किसी के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि दिल्ली वाले कबतक जहरीली हवा में सांस लेते रहेंगे।
वायु प्रदूषण बढ़ा रहा युवाओं में स्ट्रोक का खतरा
सूक्ष्म वायु प्रदूषण कण युवाओं और स्वस्थ लोगों की नसों और नब्ज की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचाकर उनमें स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी। गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल अनुसंधान संस्थान के न्यूरोलॉजी निदेशक प्रवीण गुप्ता ने कहा कि पिछले कई वर्षो में युवा मरीजों की संख्या बढ़ी है।
गुप्ता ने कहा, "हर महीने कम से कम से तीन युवा मरीज हमारे पास आ रहे हैं। पिछले कुछ वर्षो की तुलना में स्ट्रोक के युवा मरीजों की संख्या करीब दोगुनी हो गई है। अध्ययन में बताया गया कि इसका सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण है और धूम्रपान अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों ही मामलों में स्ट्रोक के मामलों को बढ़ा रहा है।" विशेषज्ञों के मुताबिक, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता पहले से ही जहरीली है और इस तरह का उच्च प्रदूषण स्तर स्ट्रोक की दर को बढ़ा रहा है।
वॉकिंग और जॉगिंग से रहें दूर
सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड के नेतृत्व वाले टास्क फोर्स ने कहा था कि राजधानी में हवा की धीमी गति के कारण प्रदूषण बढ़ सकता है। ऐसे में नवंबर के पहले 10 दिनों तक यहां के निवासियों को वॉकिंग और जॉगिंग से दूर रहना चाहिए। बोर्ड ने पलूशन को देखते हुए 1 से 10 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में सभी तरह की कंस्ट्रक्शन ऐक्टिविटी पर पहले ही रोक लगा दी है। 4 से 10 नवंबर तक कोल और बायोगेस से चलने वाली सभी इंडस्ट्री को बंद रखने का सुझाव भी दिया गया है। 1 से 10 नवंबर तक प्रदूषण फैला रही गाड़ियों पर कड़ी कारवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।