नई दिल्ली: डॉक्टर्स का दावा है कि दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि अब दिल्ली में सांस लेने वालों को कैंसर का खतरा है। दिल्ली की हवा में कैंसर पैदा करने वाले कैमिकल्स मौजूद हैं। दिल्ली में अब ऐसे लोग कैंसर का शिकार हो रहे हैं जो नॉन स्मोकर्स हैं....जिन्होंने कभी सिगरेट को हाथ भी नहीं लगाया। आम तौर पर फेफड़ों का कैंसर उन लोगों को होता है जो सिगरेट पीते हैं क्योंकि सिगरेट के धुंए में करीब पचास कैमिकल ऐसे होते हैं....जो कैंसर को जैसी बीमारी को जन्म देते हैं।
दिल्ली में सर गांगाराम हॉस्पिटल में चेस्ट सर्जरी डिपार्टमेंट के हैड डॉक्टर अरविन्द कुमार ने कहा कि वो हर रोज दो चार ऑपरेशन करते हैं, जिनमें से कुछ मामले फेफड़े के कैंसर के होते हैं। डॉ अरविन्द कुमार ने कहा कि अब तक तीस साल से ऊपर के कई ऐसे मरीज उनके पास आए हैं जो, नॉन स्मोकर थे लेकिन उन्हें फेफड़ों का कैंसर था। लेकिन पहली बार उनके पास तीस साल से कम उम्र की एक लड़की आई जिसे सांस लेने में दिक्कत थी। जब जांच की गई तो पता चला कि उसके फेफडों में कैंसर है। कैंसर फाइनल स्टेज में था। पेशेंट अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहती है।
डॉ अरविन्द कुमार ने इस लड़की की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जो बताया...वो और भी शॉकिंग था। डॉक्टर्स ने लड़की का बैकग्राउंड चैक किया तो पता लगा कि वो सिगरेट नहीं पीती। उसके परिवार में कोई सिगरेट नहीं पीता। डॉक्टर्स ने बताया कि लड़की दिल्ली में पली बढ़ी है। पहले उसका परिवार गाजीपुर इलाके में रहता था..लेकिन उसके बाद वेस्ट दिल्ली में शिफ्ट हो गया था। ये पता करने के बाद डॉक्टर्स इस निष्कर्ष पर पहुंचे को लड़की वायु प्रदूषण के काऱण मौत के मुंह तक पहुंच गई। सांस के जरिए जहरीली हवा फेफड़ों में गई और हवा में कैंसर पैदा करने वाले कैमिकल्स थे इसलिए इतनी कम उम्र में लड़की फेफड़ों के कैंसर का शिकार हो गई।
दिल्ली की हवा में घुलता जहर लोगों की जान ले रहा है ये बात कई रिपोर्ट्स में भी सामने आ चुकी है। WHO की रिपोर्ट कहती है कि भारत में हर साल प्रदूषण की वजह से करीब 15 लाख लोगों की मौत हो रही है। इतना ही नहीं स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2019 की रिपोर्ट कहती है कि एयर पॉल्युशन की वजह से 2017 में दुनियाभर में 50 लाख लोगों की मौत हुई....इनमें से 12 लाख लोग भारत के थे। इसका मतलब पॉल्यूशन के कारण मौत का आंकड़ा दुनिया भर में सबसे ज्यादा भारत में है। एक और रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लोगों की मौत की पांचवीं सबसे बड़ी वजह आउटडोर एयर पॉल्युशन है। इंडिया टीवी संवाददाता संजय साह वेलकम में एक कैंसर सर्वाइवर से मिले इनका नाम अतुल जैन है। 32 साल के अतुल जैन को भी लंग कैंसर हुआ था। लेकिन इनकी कहानी भी 28 साल की पेशेंट जैसी है। घर में किसी को अस्थमा या कोई भी लंग रिलेटेड प्रॉब्लम नहीं थी। परिवार में कोई स्मोक भी नहीं करता लेकिन फिर भी ये लंग कैंसर की गिरफ्त में आ गए। अतुल जैन ने बताया कि शुरुआत में बीमारी पकड़ में नहीं आई..लेकिन जब सीटी स्कैन करवाया तो फेफड़ों में कैंसर का पता चला।अतुल के मुताबिक उन्हें भी डॉक्टर ने बताया कि एयर पॉल्युशन की वजह से वो कैंसर का शिकार हुए हैं।
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