चंडीगढ़: केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की और इस अवसर पर किसानों को सलाह दी गयी कि वे राज्य के हर गांव में कानूनों के बारे में जागरुकता लाने के लिहाज से तथ्यात्मक जानकारी रखने वाले 30-40 सदस्यों के समूह गठित करें। राज्य सरकार के एक बयान के अनुसार प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा राज्य के नेता गुणी प्रकाश ने किया।
प्रकाश ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा प्रदर्शन राजनीतिक प्रकृति का है और ‘वास्तविक किसान’ कानूनों के पक्ष में हैं। खट्टर ने कहा, ‘‘कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के बजाय हर किसान को इन कानूनों के फायदों के बारे में भलीभांति पता होना चाहिए ताकि गलत सूचनाएं फैलाने वाले और किसानों को गुमराह करने वाले अपने निहित स्वार्थों में कामयाब नहीं हों।’’
उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो किसानों को इन कानूनों के बारे में पर्याप्त जानकारी प्रदान करने के लिए तथा जागरुकता फैलाने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। प्रकाश ने मुख्यमंत्री को कृषि कानूनों पर समर्थन का पत्र सौंपा और कहा कि ‘‘वास्तविक किसान पहले दिन से इनके समर्थन में हैं, जबकि तथाकथित किसानों ने इस शांतिपूर्ण आंदोलन को राजनीतिक रंग दे दिया है।"
उन्होंने कहा, "हमारे जैसे वास्तविक किसान इसका नुकसान झेल रहे हैं। दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे लोग राजनीतिक प्रतिनिधि हैं।’’ इस अवसर पर खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार किसानों तथा कृषक समुदाय के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है तथा इस दिशा में कई कदम उठाये गये हैं।
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना का कार्यान्वयन ऐसा एक कदम है। किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को प्रगतिशील किसानों के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जिसके कुरुक्षेत्र में आयोजित होने की संभावना है।