देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के एक प्रमुख बोर्डिंग स्कूल के प्रबंधक, प्राचार्य और उप-प्राचार्य पर गुरुवार को संस्थान के मेस के लिए हलाल मीट की आपूर्ति के लिए उनके द्वारा जारी एक निविदा को लेकर समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए (promoting enmity among communities) मामला दर्ज किया गया है। स्कूल प्रबंधन के खिलाफ बजरंग दल के सदस्यों की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। FIR में किसी का नाम नहीं लिया गया है, केवल अभियुक्तों के पदनामों का हवाला दिया गया है।
मामले की जांच कर रहे सब-इंस्पेक्टर महावीर सिंह ने कहा कि “समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने वाले बयान को प्रकाशित करने” के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि बजरंग दल के नेता विकास वर्मा की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, हमें अभी तक प्राथमिकी में उल्लिखित स्कूल प्रबंधन के प्रतिनिधियों से पूछताछ करनी है। उचित जांच के बाद कार्रवाई होगी।
बजरंग दल के नेता विकास वर्मा ने कहा किइस मामले में और कड़ी धाराएं लगाई जानी चाहिए थीं। विकास वर्मा ने कहा कि वे जो कर रहे थे वह पूरी तरह से अक्षम्य है। वे हिंदू समुदाय के छात्रों को भी परोसने के लिए सिर्फ हलाल मांस की आपूर्ति को आमंत्रित कर रहे थे जो कि हिंदू धर्म में अनुमति नहीं है। हमने उन्हें झटका मांस के लिए किसी भी पुराने टेंडर के दस्तावेज दिखाने के लिए कहा, जो हिंदू धर्म में अनुमत है, लेकिन वे कोई भी दिखाने में विफल रहे। यह दिखाता है कि स्कूल प्रबंधन लंबे समय से ऐसा कर रहा था।
विकास वर्मा ने स्कूल प्रबंधन से अपने "गलत काम" के लिए माफी की मांग की है। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही देहरादून और मसूरी के अन्य प्रमुख स्कूलों का दौरा करेंगे, जो कथित तौर पर सभी समुदायों के छात्रों को केवल halal meatऔर poultry items परोस रहे हैं। आपको बता दें कि हलाल मीट के लिए जानवर का वध इस्लामी मानदंडों के अनुसार किया जाता है और इसमें एक जानवर के शरीर से खून की निकासी शामिल होती है जबकि झटका तुरंत मारे गए जानवर का मांस होता है।