Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. आप की अदालत: विश्वास ने AAP नेतृत्व पर साधा निशाना, कहा- पार्टी 2-3 लोगों की मंडली नहीं

आप की अदालत: विश्वास ने AAP नेतृत्व पर साधा निशाना, कहा- पार्टी 2-3 लोगों की मंडली नहीं

आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ खुली बगावत करते हुए पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल पर करारा प्रहार किया और कहा कि यह पार्टी महज दो-तीन लोगों की मंडली नहीं है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : January 07, 2018 13:23 IST
aap ki adalat
Image Source : INDAITV aap ki adalat

नई दिल्ली,6 जनवरी: आम आदमी पार्टी के बाग़ी नेता कुमार विश्वास ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ खुली बगावत करते हुए पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल पर करारा प्रहार किया और कहा कि यह पार्टी महज दो-तीन लोगों की मंडली नहीं है।इंडिया  टीवी पर आज रात प्रसारित होनेवाले शो 'आप की अदालत' में कवि से राजनेता बने कुमार विश्वास ने कहा, 'आम आदमी पार्टी दो या तीन लोगों की मंडली नहीं है, यह पार्टी लाखों कार्यकर्ताओं की पार्टी है जो बाहर काम कर रहे हैं।'

कुमार विश्वास ने याद दिलाया कि जब नंदवंश के महामंत्री दांडायन ने चाणक्य पर राजद्रोह का आरोप लगाया, तो चाणक्य का जवाब था 'केवल नंदवंश ही मगध नहीं है।' 'इसी तरह आम आदमी पार्टी दो या तीन लोगों की मंडली नहीं है, यह लाखों कार्यकर्ताओं की पार्टी है जो कि बाहर इंतजार कर रहे हैं। दो या तीन लोग मेरे खिलाफ बोल सकते हैं, पार्टी का सामान्य कार्यकर्ता किसी भी नेता को 'जी' कहकर संबोधित करता है, लेकिन वे मुझे 'कुमार भैया' से संबोधित करते हैं और यह पार्टी में मेरी ताकत है।'

असंतुष्ट आप नेता ने कई घटनाओं का उल्लेख किया जब पार्टी नेतृत्व द्वारा उन्हें साइडलाइन किया गया। 'पंजाब में मैंने ड्रग ट्रैफिकिंग के खिलाफ कविताएं लिखी। मैंने पांच-छह बार अपने नेताओं से आग्रह किया कि मुझे वहां प्रचार करने दें लेकिन मुझे पंजाब में प्रचार करने की अनुमति नहीं दी गई।''मुझे बताया गया कि पंजाब में 'फैनेटिक (कट्टरपंथी) आंदोलन' मुझसे नाखुश है। यहां तक कि आज भी जब मैं कभी अमेरिका या अन्य कहीं जाता हूं, 15-20 खालिस्तानी समर्थक मेरे शो के बाहर भारत विरोधी नारे लगाते हुए विरोध जताते हैं। मेरे लिए यह गर्व का विषय है कि जो भी भारत विरोधी हैं वो मुझे अपने दुश्मन समझते हैं, लेकिन मैं अपने रुख से कभी डिगा नहीं ।' "इसी तरह गोवा चुनाव के दौरान मुझे केवल डोर-टू-डोर प्रचार करने के लिए कहा गया। दिल्ली में हमारी पार्टी मेरे कारण एमसीडी चुनाव नहीं हारी, हमारी पार्टी की नीति और रणनीति में कमियां थीं।" महाभारत के योद्धा अभिमन्यु से खुद की तुलना करते हुए कुमार विश्वास ने कहा, 'मैं नहीं कह सकता कि मैं जीतूंगा या हारूंगा, लेकिन सत्य की लड़ाई में मेरा यश सफेद अक्षरों में लिखा जाएगा जिसके लिए मैं, मेरे माता-पिता और मेरी पार्टी के कार्यकर्ता गर्व का अनुभव करेंगे।' 

आप के असंतुष्ट नेता ने कहा कि उन्होंने उस समय अरविंद केजरीवाल का विरोध किया था जब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक पर मोदी सरकार से सबूत मांगा था।

'मुझसे इसपर बाहर बोलने के लिए कहा गया लेकिन मैंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इससे गलत संदेश जाएगा। उस समय मेरी आंखों में आंसू थे, जब मैं उनके (केजरीवाल) पास गया और कहा कि वह ऐसा न कहें। यह पाकिस्तानी मीडिया में पहले पन्ने पर छापा जाएगा।' 'मैंने उनसे कहा कि यह हमारे सैनिकों के मनोबल का सवाल है और उन्होंने (केजरीवाल) कहा, मोदी को पहले जाना चाहिए, तभी सब कुछ ठीक होगा। यह उनकी सोच थी। मैं युद्ध के पक्ष में नहीं हूं लेकिन जब एक मां अपने बेटे को युद्ध में भेजती है, एक पत्नी अपने पति को मोर्चे पर भेजती है और जवान घर लौटकर पाता है कि राजनीति के नाम पर जनता के प्रतिनिधि उनसे सबूत (सर्जिकल स्ट्राइक) मांग रहे हैं, वह हमारे बारे में क्या सोचेगा?'

'कवि सम्मेलनों में कई बार हमें गालियां सुननी पड़ीं। एक कवि के रूप में मैने सियाचिन और करगिल में जवानों का मनोबल बढ़ाया। क्या एक कवि के तौर पर मुझे खामोश रहना चाहिए? क्या मैंने (केजरीवाल को) गलत सलाह दी? मैं उनका (केजरीवाल) शत्रु नहीं था, मैं उनका भाई था, मैं चाहता था कि अगर वह देशभक्त हैं तो भारत की जनता उन्हें इस रूप में भी देखे। लेकिन मुझे उसका नुकसान उठाना पड़ा। कभी-कभी आप हादसे में लोगों की जान बचाने में अपनी जान गंवा बैठते हैं।''मैंने पहले भी कहा, मैं पद या पावर के लिए राजनीति में नहीं हूं, लेकिन मैंने राजनीति ज्वाइन करते समय यह नहीं कहा था कि सात साल के मेरे संघर्ष के फल को आप 'अजगर छाप गुप्ता जी' के हवाले कर दें।'

एक सवाल के जवाब में कुमार विश्वास ने कहा, 'बात राज्यसभा की नहीं, मैं तो पिछले सात महीनों से सिर्फ एक मोहरा बना हुआ हूं, इस माहिष्मती की शिवगामी देवी कोई और है जो हर बार नए कटप्पा लाकर मुझ जैसे बाहुबलियों की हत्या करवा रही है।' कुमार विश्वास ने यह स्वीकार किया एकबार उन्होंने कहा था कि पार्टी के तीन शीर्ष नेताओं में एक सीएम बना, दूसरा डिप्टी सीएम और वह कुछ नहीं बन पाए ।''जब लोजपा से आए नेता (अमानतुल्लाह) ने मेरे ऊपर हमला किया तो मैंने एक निजी बातचीत में यह बात कही थी जिसे गुप्त रूप से  मेरे 40 साल पुराने दोस्त के साले ने रिकॉर्ड कर लिया। मैं हमेशा दिल से बोलता हूं। मैंने अपने नेताओं से यह भी कहा था कि यदि जनता ने आपको यह सत्ता नहीं दी होती तब भी क्या आप इस तरह से मेरा अपमान करते?’ यह पूछे जाने पर कि उनका क्या कसूर था जिसके चलते पार्टी ने राज्यसभा के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया, विश्वास ने ये शेर अर्ज किया - 'मेरे लहज़े में जी-हुज़ूर न था, इससे ज़्यादा मेरा कसूर न था।'

जब रजत शर्मा ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बयान का हवाला देते हुए कहा कि कुमार विश्वास के नाम पर तो राज्य सभा की उम्मीदवारी के लिए विचार भी नहीं किया गया, विश्वास ने कहा, ‘पंचतंत्र भी कहता है कि यदि आप कोई षडयंत्र रचते हैं, तो उसे ठीक से रचें। अब वे कह रहे हैं कि वहां मेरा नाम नहीं था और मीडिया केवल अंदाजा लगा रही थी, लेकिन मुझे तो PAC (राजनीतिक मामलों की समिति) में इस आधार पर नहीं बुलाया गया था कि मेरे नाम पर विचार किया जाना था। 'जहां तक PAC द्वारा विचार किए गए नामों का संबंध है, ये लोग बैठक से पहले ही 30 दिसंबर को अपने हलफनामे तैयार कर चुके थे।’ 

कुमार विश्वास ने कहा, ‘छोटी छोटी पार्टियों में भी डेकोरम और ट्रान्सपरेंसी (पारदर्शिता) रहती है। वे (नेतृत्व) अंडमान में पार्टी को फैलाना चाहते हैं, लेकिन उन्होने पार्टी वर्कर्स को 'अंडमान' बना दिया।  पार्टी के कार्यकर्ता सब समझते हैं। कम से कम उन्हें अपना षडयंत्र ढंग से रचना चाहिए। यह कहने में क्या तुक है कि वहां मेरा नाम नहीं था।’ कुमार विश्वास ने कहा, ‘पार्टी (नेतृत्व) में से किसी ने भी मुझसे राज्यसभा के टिकटों के बारे में सलाह नहीं ली। अब कुछ नेता कह रहे हैं कि ऐसे मुद्दों पर वर्कर्स से पूछने की क्या जरूरत है। उन्हें पता होना चाहिए कि कॉमनवेल्थ गैम्स घोटाले के दौरान सोनिया गांधी जी को भी यह गलत धारणा थी कि लोग या पार्टी कार्यकर्ता कुछ भी नहीं जानते हैं। 

" जब हमने 9 महीने की सरकार के इस्तीफे के बाद दिल्ली का चुनाव लड़ा, तो मोदीजी को भी यह गलत धारणा थी कि वह अपनी पार्टी के लिए दिल्ली जीत लेंगे । लेकिन लोग सब कुछ जानते हैं, और तब तक इंतजार करते हैं जब तक कि शिशुपाल 99 वें बार गाली न दे और उसके बाद वे अहंकार के सिर को धड़ से अलग कर देते हैं। मेरी ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह ऐसे लोगों को अहंकार के कोप से बचाए, अपने कार्यकर्ताओं के कोप से बचाए।’ शिशुपाल महाभारत युग में वह राजा था जिसने भगवान कृष्ण को 99 बार अपशब्द कहे थे, और जैसे ही उसने 100वीं बार कृष्ण को गाली दी, उन्होंने अपने सुदर्शन चक्र से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया था।

जब रजत शर्मा ने उनसे यह पूछा कि क्यों उन्होंने ‘एक छोटे भाई’ की तरह केजरीवाल से बात नहीं की, विश्वास ने कहा, ‘मैंने कोशिश की थी पर बात कर न सका। योगेंद्र (यादव) उनके बड़े भाई थे, अन्ना हजारे उनके पिता समान थे, और मैं उनका छोटा भाई हूं। मैं कामना करता हूं कि वह नेता बने रहें और पार्टी को बढ़ने दें।’ 

यह पूछे जाने पर कि क्यों राज्यसभा के टिकट के लिए  अरुण शौरी, रघुराम राजन और यशवंत सिन्हा समेत 18 लोगों ने AAP का अनुरोध स्वीकार नहीं किया, कुमार विश्वास ने कहा, ‘एक समय था जब बड़े नेता हमारा समर्थन करते थे और कहते थे कि आप लोग एक बड़ी लड़ाई का हिस्सा हो । हमें यह समझना चाहिए कि 18 नेताओं ने हमारी पार्टी के टिकट को आज क्यों नकार दिया। रघुराम राजन एक बडे व्यक्ति हैं, लेकिन जब उनके पीए ने बताया कि वह टिकट नहीं चाहते , यह हमारी पार्टी का अपमान था। लाखों पार्टी कार्यकर्ताओं के परिश्रम का अपमान था।’

कुमार विश्वास ने कहा, ‘हमारे यहां कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ी है। ये कहना कि पूरे भारत को मोदी ये डर है, गलत हैं। मेरे जैसे लोगों ने कांग्रेस से लड़ने के लिए अपनी नौकरियां छोड़ दीं। मैंने 17 साल तक एक विश्वविद्यालय में काम किया, लेकिन एक दिन एक टीवी बहस में जब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मुझसे पूछा, आप कितने दिन कॉलेज पढ़ाने के लिए जाते हो, तो मैंने अपनी नौकरी छोड़ दी और आंदोलन में शामिल हो गया। इसी तरह हजारों लोगों ने अपनी नौकरियां छोड़ दीं, लेकिन ऐसा क्यों है कि आज कोई भी हमारे राज्यसभा टिकट लेने को तैयार नहीं है।’ 

व्यंग्यात्मक लहजे में कांग्रेस को बधाई देते हुए कुमार विश्वास ने कहा, ‘मैं तो कांग्रेस को इस बात के लिए बधाई दूंगा कि जो पार्टी एक भी विधायक नहीं जिता पाई, वह अपने पराजित उम्मीदवार को राज्यसभा में भिजवा रही है। कांग्रेस से हमें राजनीति सीखनी चाहिए।’ कुमार विश्वास ने बताया कि कैसे दिल्ली चुनाव में सुशील गुप्ता कांग्रेस उम्मीदवार बनकर उनकी रैली के नजदीक से गुजरे, और उनकी तरफ दोनों उंगलियों को ‘V’ की शक्ल दिखाकर मुस्कराने लगे, ‘तब मैंने माइक पर दहाड़ा था कि जनता उन्हें हराएगी, और हराया भी। वही आज राज्यसभा में हमारी पार्टी के सांसद होंगे ।’
 
आप की अदालत में कुमार विश्वास आज रात 10 बजे इंडिया टीवी पर प्रसारित होगा। इस शो को रविवार सुबह 10 बजे और रात 10 बजे फिर से प्रसारित किया जाएगा।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement