नयी दिल्ली: रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता स्वर्णश्री राव राजशेखर की ट्वीट पर हंगामा होने के बाद शुक्रवार को वह छुट्टी पर चली गईं। रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट किया है, ‘‘कर्नल अमन आनंद रक्षा मंत्रालय के कार्यवाहक आधिकारिक प्रवक्ता होंगे क्योंकि प्रवक्ता अवकाश पर चली गयी हैं।’’ रक्षा मंत्रालय को शुक्रवार को उस वक्त असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब मंत्रालय की प्रवक्ता स्वर्णश्री ने पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल (सेवानिवृत्त) अरूण प्रकाश की एक टिप्पणी के जवाब में ‘‘गलती से’’ एक ट्वीट पोस्ट कर सैन्य अधिकारियों द्वारा ‘‘विशेषाधिकारों का दुरूपयोग की आलोचना’’ कर दी।
सूत्रों का कहना है कि ट्वीट के बाद उत्पन्न असहज स्थिति के कारण राजशेखर को अवकाश पर जाने को कहा गया है। राजशेखर के ट्वीट पर पूर्व सैन्य अधिकारियों ने तीखी प्रतिक्रिया की। इसके बाद उन्होंने ट्वीट हटाते हुए कहा, ‘‘ट्वीट गलती से हो गया और इसके लिए बहुत खेद है।’’ इससे पहले, एडमिरल प्रकाश ने एक तस्वीर रीट्वीट की थी जिसमें सेना की पश्चिमी कमान के आंतरिक वित्तीय सलाहकार की आधिकारिक कार की बोनट पर एक सैन्य ध्वज दिखाया गया था। प्रकाश ने ट्वीट किया, ‘‘ हालांकि, किसी असैन्य व्यक्ति द्वारा सेना कमान के चिह्न का दुरूपयोग संज्ञेय अपराध नहीं है, इस शख्स को ‘जीओसी इन सी’ द्वारा फटकार लगाए जाने की जरूरत है, जिसके वह वित्तीय सलाहकार हैं।’’
पूर्व नौसेना प्रमुख की टिप्पणी पर जवाब देते हुए राजशेखर ने ट्वीट किया, ‘‘अधिकारी रहने के दौरान आपके आवास में जवानों के साथ हुए दुरूपयोग का क्या कहेंगे सर? और फौजी गाड़ियों में बच्चों को स्कूल छोड़ने एवं वापस घर लाने पर क्या कहेंगे? सरकारी गाड़ियों से मैडम के शॉपिंग करने के लिए जाने की बात नहीं भूलिए। और वे अंतहीन पार्टियां करना...उनके लिए कौन भुगतान करता है।’’ बाद में राजशेखर ने ट्वीट हटा दिया। वह रक्षा लेखा सेवा की अधिकारी हैं। कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने 72 वर्षीय एडमिरल प्रकाश को दिए उनके जवाब पर तीखी प्रतिक्रिया जताई। प्रकाश जुलाई 2004 और अक्टूबर 2006 के बीच चीफ ऑफ नेवी स्टाफ थे। कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा कि प्रधान प्रवक्ता की टिप्पणी सशस्त्र बलों के प्रति नौकरशाही का रूख प्रदर्शित करती है।
सेवानिवृत्त मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से कहा कि प्रवक्ता की टिप्पणी ने सेना के तीनों अंगों के प्रति मंत्रालय का असली रंग दिखाया है। उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह अचानक हुआ। यह आपके रक्षा मंत्रालय का असली रंग दिखाता है मैडम। आप सेना की हिफाजत के लिए हैं ना कि उसे बदनाम करने के लिए। इस प्रवक्ता को बनाए रखना भारत का, उसके सशस्त्र बल का और उसकी कुर्बानियों का अपमान है। यह दिग्गज सैन्य अधिकारियों के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाता है। आपकी प्रवक्ता एक मुसीबत हैं।’’ सेवानिवृत्त एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर ने प्रवक्ता के ट्वीट को शर्मनाक बताया।
भाजपा सांसद राजीव चंद्रखेशर ने भी प्रवक्ता की टिप्पणी पर सख्त एतराज जताया और इसकी जांच कराने की मांग की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह अस्वीकार्य आचरण है और वह इसकी जांच का अनुरोध करते हैं। पूर्व सैन्य अधिकारियों के रोष जाहिर किए जाने पर एडमिरल प्रकाश ने कहा कि असैन्य-सैन्य संबंधों पर संयमित विचार प्रकट करना चाहिए। ‘‘मैं रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता के अविवेकपूर्ण ट्वीट को लेकर उत्तेजित होने की बजाय (क)असैन्य-सैन्य रिश्तों पर रक्षा मंत्रालय का और (ख) सैन्य अधिकारियों के निजी व्यवहार पर रक्षा मंत्रालय के असैन्य अधिकारी के आक्षेप पर सैन्य नेतृत्व की तरफ से संयमित विचार प्रकट करने का सुझाव दूंगा।’’