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हम शांति चाहते हैं लेकिन भारत के आत्मसम्मान पर चोट बर्दाश्त नहीं करेंगे: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह नया भारत है जो सीमा पर उल्लंघन, आक्रामकता तथा किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 19, 2020 17:37 IST
Want peace, but won't tolerate any harm to India's self- respect: Rajnath Singh on Indo-China border- India TV Hindi
Image Source : PTI Want peace, but won't tolerate any harm to India's self- respect: Rajnath Singh on Indo-China border row

हैदराबाद। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद से भारत जिस तरह से निपटा है, उसने साबित किया है कि भारत कमजोर नहीं है और सीमा पर उल्लंघन, आक्रामकता तथा किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है। इस गतिरोध को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में विश्वास रखता है लेकिन देश के आत्मसम्मान पर किसी भी तरह की चोट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सात महीने से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है। 

हैदराबाद में डिंडीगुल वायुसैनिक अड्डे पर संयुक्त स्नातक परेड को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान ‘‘चीन के रवैये ने उसके इरादों को जाहिर कर दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमने साबित किया है कि भारत कमजोर नहीं है। यह नया भारत है जो सीमा पर उल्लंघन, आक्रामकता तथा किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।’’ सिंह ने कहा कि भारत को कई देशों का समर्थन मिला है और उसकी सराहना भी हुई है। 

गतिरोध का हल निकालने के लिए कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर हुई कई दौर की वार्ता का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मैं दोहराना चाहता हूं कि हम संघर्ष नहीं शांति चाहते हैं, लेकिन देश के आत्मसम्मान पर किसी भी तरह की चोट को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि देश किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। सिंह ने कहा कि पाकिस्तान सीमाओं पर छिटपुट संघर्षों को अंजाम दे रहा है। उन्होंने कहा कि चार युद्धों में भारत से पराजित होने के बावजूद पड़ोसी देश आतंकवाद के जरिए ‘‘छद्म युद्ध’’ छेड़ रहा है, लेकिन सैन्य बल और पुलिस आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपट रहे हैं। 

पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादियों के शिविरों पर भारत के हवाई हमलों का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत न केवल देश के भीतर आतंकवाद से प्रभावी ढंग से मुकाबला कर रहा है बल्कि सीमाओं के बाहर जाकर भी कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया को भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत इरादों को दर्शाता है। 

मौजूदा समय के अनुसार युद्ध की रणनीतियों को बदलने की आवश्यकता पर जोर देते हुए सिंह ने कहा कि देश को न केवल सीमाओं और समुद्रों, बल्कि अंतरिक्ष और साइबर क्षेत्र में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके लिए उसे तैयार रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए आपको खुद को लगातार अपडेट रखने की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य के युद्ध और बेहतरी के लिए यह आवश्यक है कि एक सैनिक के अलावा आपके अंदर एक विद्वान भी होना चाहिए।’’ 

रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने हाल ही में सशस्त्र बलों में स्वदेशीकरण को सशक्त बनाने और बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस को शामिल किया गया जबकि दूसरी ओर पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान राफेल को भी शामिल किया गया है। सिंह ने कहा कि सुधारों के रूप में रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को बढ़ाने, रक्षा विनिर्माण पर नई नीति और आयुध कारखानों के निगमीकरण समेत कई कदम उठाये गये हैं।

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