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तीनों सेना प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री ने की हाई लेवल मीटिंग, CDS बिपिन रावत भी रहे मौजूद

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक हाई लेवल मीटिंग की।

Written by: Manish Prasad @manishindiatv
Updated on: August 22, 2020 20:24 IST
Defence Minister Rajnath Singh high level meeting with army heads  । तीनों सेना प्रमुखों के साथ रक्ष- India TV Hindi
Image Source : PTI तीनों सेना प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री ने की हाई लेवल मीटिंग, CDS बिपिन रावत भी रहे मौजूद

नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक हाई लेवल मीटिंग की। इस बैठक में अजित डोभाल और सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी मौजूद थे। बैठक में न सिर्फ LAC बल्कि पाकिस्तान के साथ मौजूदा हालातों पर भी चर्चा की गई। ये बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई और करीब 2 घंटे तक चली।

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सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गयी। उन्होंने बताया कि हालात से निपटने के लिए भविष्य के कदमों पर विचार-विमर्श किया गया। पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध सुलझाने के प्रस्ताव पर चीनी सेना के गंभीरता नहीं दिखाने के सेना के आकलन के मद्देनजर यह समीक्षा की गयी। सैन्य वार्ता में गतिरोध आ गया है क्योंकि भारतीय सेना ने दृढ़तापूर्वक जोर दिया है कि तीन महीने से चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए चीनी सेना को इस साल अप्रैल की यथास्थिति को बहाल करना होगा।

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सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को स्पष्ट तौर पर बता दिया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में ‘बदलाव’ उसे स्वीकार्य नहीं है। भारत और चीन के बीच पिछले ढाई महीने में सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई चरण की बातचीत हो चुकी है लेकिन पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के समाधान के लिए कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हो पायी है।

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दोनों पक्षों के बीच बृहस्पतिवार को राजनयिक स्तर की अगले चरण की वार्ता हुई जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने त्वरित तरीके से और निर्धारित समझौते और प्रक्रिया के मुताबिक लंबित मुद्दों के समाधान के लिए सहमति जतायी है। हालांकि सूत्रों ने कहा कि बैठक में कोई महत्वपूर्ण समाधान नहीं हो सका। एनएसए अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच टेलीफोन पर बातचीत के एक दिन बाद छह जुलाई को सैनिकों के पीछे हटने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हुई।

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हालांकि, मध्य जुलाई के बाद से प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पायी। सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना गलवान घाटी और टकराव वाले कुछ अन्य स्थानों से पीछे हट चुकी है लेकिन पैंगोग सो, देपसांग तथा कुछ अन्य स्थानों से सैनिकों की वापसी नहीं हुई है।

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