नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के दिन लालकिला परिसर में हुई हिंसा के मामले के आरोपी अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी है। विशेष न्यायाधीश नीलोफर आबिदा परवीन ने 30,000 रुपए के निजी मुचलके और इतनी की राशि के दो जमानतदारों पर आरोपी की जमानत मंजूर की। सिद्धू को 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किला परिसर में हुई हिंसा के मामले में नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किला पहुंच गये थे और ऐतिहासिक स्मारक में प्रवेश कर गये थे तथा उसकी प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया था। लालकिला हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने दो कांस्टेबलों से 20 कारतूस वाली दो मैग्जीन छीन लीं। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था।
आपको बता दें कि इससे पहले हुई सुनवाई में अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। दीप सिद्धू के वकील ने अदालत से कहा था कि केवल मौजूदगी ही उनके मुवक्किल को गैर कानूनी रूप से एकत्र होने का आरोपी नहीं बना देती और वह एक ईमानदार नागरिक है, जो प्रदर्शन का हिस्सा था। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश लोक अभियोजक ने दावा किया था कि सिद्धू हिंसा करने तथा राष्ट्रीय ध्वज का निरादर करने के उद्देश्य से प्रदर्शन में शामिल हुआ था और गैर कानूनी रूप से लोगों के एकत्र होने में उसकी मुख्य भूमिका थी।
छब्बीस जनवरी के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लालकिला परिसर में हुई हिंसा के मामले में सिद्धू को नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। सरकारी वकील ने यह दावा करते हुए जमानत अर्जी का विरोध किया कि यदि सिद्धू को रिहा किया गया तो वह सबूत को नष्ट कर देगा जैसा कि उसने पकड़े जाने से पहले दो फोन नष्ट कर दिये थे। उन्होंने अदालत से कहा कि 25 जनवरी से पहले सिद्धू ने मीडिया को एक साक्षात्कार दिया था और कहा था, ‘‘ 26 (जनवरी) आ रही है। अधिक से अधिक लोगों को पहुंचना चाहिए।’’ उन्होंने दावा किया कि सिद्धू को पता था कि सिंघू बार्डर पर प्रदर्शनकारी निर्धारित मार्ग का पालन नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ मार्ग का पालन करने की कोई मंशा नहीं थी। हमारे देश को बदनाम करन की योजना थी। उन्होंने हमारे राष्ट्रध्वज का अपमान किया। जब पुलिस ने रोकने की कोशिश की तब उस पर भीड़ ने नृशंस हमला किया। 144 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गये। ’’ सिद्धू के वकील ने साक्षात्कार के अंश को संदर्भ से परे हटाकर पेश करने का आरोप लगाया।
इनपुट-पीटीआई