नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक की अपने एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर प्रतिबंध के खिलाफ दायर की गई याचिका खारिज कर दी। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि गृह मंत्रालय के पास एनजीओ पर 'तत्काल प्रतिबंध लगाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।' न्यायालय ने यह भी कहा कि आईआरएफ को प्रतिबंधित करने का केंद्र का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा की हिफाजत करने के लिए किया गया था।
नाइक की याचिका खारिज करते हुए न्यायाधीश संजीव सचदेवा ने कहा, "संप्रभुता, अखंडता और व्यवस्था बनाए रखने को ध्यान में रखते हुए तत्काल कार्रवाई की गई।"
नाइक ने गैर कानूनी गतिविधयां (निरोधक) अधिनियम के तहत आईआरएफ पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाने की केंद्रीय गृह मंत्रालय की नवम्बर, 2016 की अधिसूचना को चुनौती दी थी।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अदालत को कुछ गोपनीय दस्तावेज दिखाए थे, जिनके आधार पर नाइक की संस्था पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया था।
सरकार ने कहा था कि आईआरएफ पर प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है, क्योंकि इसके कारण युवाओं को कट्टरपंथी बनाए जाने और आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित किए जाने की आशंका थी।
आईआरएफ ने प्रतिबंध को चुनौती देते हुए अदालत से कहा था कि इस तरह के कदम उठाने के लिए अधिसूचना में पर्याप्त कारण और सामग्री का उल्लेख नहीं किया गया है। इसके अलावा यह कदम उठाने से पहले कारण बताओ नोटिस भी जारी नहीं किया गया।