चंडीगढ़। तरनतारन जिले में 12 और लोगों की मौत के साथ ही पंजाब में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़कर 98 हो गई। उपायुक्त कुलवंत सिंह ने फोन पर बताया, 'तरनतारन में मृतकों की संख्या अब 75 हो गई है।' हालांकि, उन्होंने कहा कि 'क्षेत्र से मिली जानकारी' के आधार पर प्रशासन मृतकों का आंकड़ा 75 बता रहा है क्योंकि बीते कुछ दिनों में मृतकों का अंतिम संस्कार उनके परिजनों द्वारा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ तो पोस्टमार्टम कराने के लिये भी नहीं आए।
तरनतारन के अलावा अमृतसर में 12 और गुरदासपुर के बटाला में 11 लोगों की मौत की खबर है। यह पूरा मामला बुधवार (29 जुलाई) शाम को शुरू हुआ था। अधिकारियों ने कहा कि कुछ परिवार तो अपने संबंधी की जहरीली शराब पीने से हुई मौत की रिपोर्ट दर्ज कराने भी आगे नहीं आ रहे हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे अपने परिवार के सदस्य की मौत की रिपोर्ट कराएं। इस बीच, विपक्षी दल आम आदमी पार्टी ने पटियाला, बरनाला, पठानकोट और मोगा समेत कुछ स्थानों पर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर 'लापरवाही' का आरोप लगाया जिसकी वजह से लोगों की मौत हुई, जिनमें से अधिकतर गरीब परिवारों के थे। आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने तरनतारन जाकर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। मान ने इस मामले की मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की। पंजाब सरकार पहले ही इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे चुकी है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को छह आबकारी और सात पुलिस अधिकारियों को निलंबित किये जाने की घोषणा की थी। उन्होंने पुलिस और आबकारी विभाग के जहरीली शराब के उत्पादन और बिक्री पर रोक नहीं लगा पाने को “शर्मनाक” करार दिया था। राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने का भी ऐलान किया है।