नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों की फांसी की सजा और 20 दिन तक टल गई है, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों के डेथ वारंट पर सुनवाई को 7 जनवरी तक टाल दिया है। यानि 7 जनवरी तक निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा नहीं होगी। बता दें कि निर्भया के माता-पिता ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका देकर चारों दोषियों को जल्द-से-जल्द फांसी देने की मांग की थी। पिछली सुनवाई में पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया केस के चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने के मामले की सुनवाई 18 दिसंबर तक टाल दी थी। बीते शुक्रवार को कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में आगे की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद होगी। सुप्रीम कोर्ट में आज एक दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी गई।
इससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के कातिल अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज अक्षय के वकील ने जो तर्क दिए वे पुराने हैं, उन्होंने इस मामले की सही तरह से जांच करने का तर्क भी ठुकरा दिया। याचिका अस्वीकृत होने के बाद अक्षय के वकील एपी सिंह ने कोर्ट से राष्ट्रपति के पास दया याचिका के लिए 2 हफ्ते का वक्त मांगा। लेकिन जजों ने कहा कि आपको उतना ही वक्त मिलेगा जो कानून में निर्धारित है। इस प्रकार राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने के लिए दोषी अक्षय के पास अब एक हफ्ते का समय है।
कौन ब्लैक डेथ वारंट जारी करता है?
ब्लैक वारंट कोर्ट जारी करता है इसे आम भाषा में डेथ वारंट कहते हैं
ब्लैक वारंट को जेल सुपरिटेंडेंट को भेजा जाता है, इसके बाद ही सुपरिटेंडेंट वक्त तय कर कोर्ट को बताता है
डेथ वारंट जारी होने के बाद से ही कैदी से काम करवाना बंद कर दिया जाता है
कैदी पर 24 घंटे की पैनी निगाह रखी जाती है, कैदी का दिन में 2 बार मेडिकल चेकअप किया जाता है
ब्लैक वारंट जारी होने के बाद उसे लाल रंग के एनवल्प में डालकर जेल पहुंचाया जाता है
गौरतलब है कि 7 साल पहले 16 दिसंबर के दिन ही निर्भया के दोषियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था और बाद में मरने के लिए सड़क पर फेंक दिया था। इस मामले में चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। वहीं एक अन्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी।