नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने देश में सड़कों में गड्ढों की वजह से हो रही दुर्घटनाओं में लोगों की मौत को आज ‘भयावह’ बताया और कहा कि ऐसी दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या आतंकी हमलों में मारे जाने वालों से कहीं ज्यादा है। भारत में सड़क सुरक्षा से संबंधित मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि सड़कों के गड्ढों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों के आश्रित मुआवजे के हकदार हैं।
पीठ ने कहा कि यह ‘सामान्य जानकारी’ का विषय है कि सड़कों के गड्ढों के कारण होने वाले हादसों में बड़ी संख्या में लोग मारे जाते हैं और जिन अधिकारियों पर सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी है, वे अपनी जिम्मेदारियों का सही से निर्वाह नहीं कर रहे हैं। पीठ ने मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुये कहा, ‘‘देश में सड़कों पर गड्ढों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं में इतने अधिक लोग मारे जा रहे हैं। रिपोर्ट कहती है कि आतंकी हमलों में मारे गये लोगों से ज्यादा लोग इस तरह की दुर्घटनाओं में मारे गये हैं। ’’
पीठ ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली सड़क सुरक्षा पर शीर्ष अदालत की समिति से इस ‘‘ अति गंभीर मुद्दे पर ’’ गौर करने और दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा। पीठ ने इस स्थिति को ‘ भयावह ’ बताते हुये कहा कि यह एक व्यक्ति की जिंदगी और मौत से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। सुनवाई के दौरान पीठ ने हिट एंड रन और सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजे के मुद्दे पर भी विचार किया।