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चीन से मुकाबले के लिए समंदर में उतरेगी भारत की यह घातक पनडुब्बी

डोकलाम में चल रहे गतिरोध के बीच चीन ने भारत पर दबाव बनाने की तमाम कोशिशें की हैं। हालांकि भारत भी चीन के दबावों के आगे नहीं झुका है और उसकी हर बात का करारा जवाब दिया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : August 04, 2017 16:14 IST
INS Kalvari | PTI Photo
INS Kalvari | PTI Photo

नई दिल्ली: डोकलाम में चल रहे गतिरोध के बीच चीन ने भारत पर दबाव बनाने की तमाम कोशिशें की हैं। हालांकि भारत भी चीन के दबावों के आगे नहीं झुका है और उसकी हर बात का करारा जवाब दिया है। चीन सिर्फ भूभाग पर ही नहीं बल्कि समुद्री मोर्चे पर भी भारत के लिए चुनौतियां पेश कर रहा है। चीन की इसी चुनौती से निपटने के लिए अपने बेड़े में INS कलवरी को शामिल करने की तैयारी कर रही है। यह स्कॉर्पीन पनडुब्बी दुनिया के सबसे खतरनाक हथियारों में शुमार है।

INS कलवरी की खासियत यह है कि इसे गुप्त तरीके से वार करने में इस्तेमाल किया जा सकता है। दुश्मन को इस पनडुब्बी के आने की आहट तक नहीं मिल पाती। इसकी इन्हीं खूबियों की वजह से इसका नाम एक समुद्री शार्क के नाम पर ‘कलवरी’ रखा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, समुद्र के अंदर लड़ने की अपनी कमजोर होती क्षमताओं को फिर से मजबूत करने के लिए स्कॉर्पीन पनडुब्बी काफी मददगार साबित होगी। भारत ने इस तरह की 6 पनडुब्बियों का ऑर्डर दिया है और INS कलवरी उनमें से पहली है।

दरअसल, भारत की 15 पनडुब्बियों के मुकाबले चीन के पास 60 पनडुब्बियां शामिल हैं। 1996 से बाद से भारत की समुद्री ताकत लगातार कमजोर हुई है। नौसेना के पास फिलहाल डीजल-इलेक्ट्रिक तकनीक वाली 13 पनडुब्बियां हैं, जो कि पुरानी हैं। एक समय भारत के पास 21 पनडुब्बियां थीं, लेकिन रिटायर होने वाली पनडुब्बियों का रिप्लेसमेंट न मिल पाने के कारण इनकी संख्या घटती गई। वहीं चीन के पास 5 न्यूक्लियर अटैक पनडुब्बियां और 54 डीजल पनडुब्बियां हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2020 तक चीन के पास 69 से 78 पनडुब्बियां हो जाएंगी।

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