जयपुर: पंजाब की ओर से राजस्थान की इंदिरा गांधी नहर में मृत मछलियों और सांपों के साथ दूषित पानी आने के बाद प्रशासन ने ऐहतियातन पीने के पानी की आपूर्ति को रोक दिया है। श्रीगंगानगर के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता (अतिरिक्त प्रभार) विनोद जैन ने बताया कि नहर में काला और लाल रंग का दुर्गंध वाला पानी पाया गया। पानी में मरी हुई मछलियां और सांप भी देखे गए, इसलिए इसकी आपूर्ति रोक दी गई है। इस पानी की आपूर्ति पीने के लिए की जानी थी।
उन्होंने बताया कि विभाग ने पहले से ही पीने के पानी का भंडारण कर रखा है और अगले कुछ दिन तक इस पानी की आपूर्ति की जाएगी। इस दौरान दूषित पानी की समस्या हल करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने बताया कि नहर का पानी बहुत ज्यादा दूषित और बदबूदार होने के कारण हमने पीने के लिए इसकी आपूर्ति एहतियात के तौर पर कल से रोक दी है। जांच के लिए इस पानी के नमूने आज और कल लिए गए है।
उन्होंने बताया कि श्रीगंगानगर जिले में प्रतिदिन पीने का पानी 50 हजार किलो लीटर वितरित किया जाता है। विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता (बीकानेर) बी कृष्णनन ने भी नहर से पानी की आपूर्ति रोकने की पुष्टि करते हुए कहा कि ऐसा कुछ समय के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे पर स्वच्छ पानी का भंडारण है। एक दो दिनों में स्थिति में सुधार होने की संभावना है।
हनुमानगढ़ के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता अमर चंद गहलोत ने बताया कि नमूनों की जांच स्थानीय स्तर पर भी की जा रही है और इन्हें जांच के लिए जयपुर के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी भेजा गया है। उन्होंने बताया कि प्रदूषित नहर के पानी को पीने के पानी के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। शुगर मिल से निकले गंदे पानी ने पंजाब की व्यास नदी के पानी को दूषित कर दिया और राजस्थान के हनुमानगढ जिले में इंदिरा गांधी नहर के माध्यम से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर और मरू प्रदेश के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में प्रवेश किया।