मुंबई। मुंबई पुलिस ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम के भतीजे रिजवान कासकर को रंगदारी वसूली के एक मामले में दो अन्य के साथ गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि दाऊद के छोटे भाई इकबाल कासकर के बेटे रिजवान कासकर (30) को बुधवार रात अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह दुबई भागने की कोशिश कर रहा था।
यह पहला मौका है जब रिजवान को किसी अपराध में गिरफ्तार किया गया है। पिछले साल इकबाल कासकर को भी रंगदारी वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल ठाणे की जेल में बंद है। उपायुक्त (अपराध) दत्ता नलवाडे ने बताया कि 15 जुलाई को मुंबई अपराध शाखा के रंगदारी वसूली निरोधी प्रकोष्ठ ने अहमद रजा वढ़ारिया को गिरफ्तार किया। वढ़ारिया दाऊद गिरोह के सदस्य फहीम मचमच का करीबी है। उन्होंने कहा “पूछताछ के दौरान रिजवान कासकर का नाम सामने आया। सूचना के आधार पर एक जाल बिछाया गया और हवाईअड्डे पर उसे हिरासत में ले लिया गया।”
गुजरात के सूरत का निवासी वढारिया दुबई में कथित तौर पर ‘हवाला’ संचालक का काम करता है। उसे तब गिरफ्तार किया गया जब वह दुबई से मुबंई पहुंचने के बाद सूरत जा रहा था। अधिकारी ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी के बाद रिजवान ने भागने की कोशिश की। रिजवान चार दिन पहले ही दुबई से मुंबई आया था, लेकिन उसे भी हवाई अड्डे पर दबोच लिया गया। इसके बाद अपराध शाखा ने तीसरे आरोपी अशफाक रफीक तोलेवाला को दक्षिण मुंबई से गिरफ्तार किया।
पुलिस के अनुसार तोलेवाला और शहर का एक व्यापारी चीन से इलेक्ट्रानिक वस्तुओं का आयात करता था। व्यापारी द्वारा तोलेवाला पर 15 लाख रुपये बकाया होने का दावा किए जाने के बाद दोनों के बीच 2017 में विवाद हो गया। जून में मचमच ने कथित तौर पर एक रिकॉर्डिड संदेश भेज व्यापारी को चेताया कि यदि उसने तोलेवाला से पैसे मांगे तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
अधिकारी ने कहा कि अंडरवर्ल्ड का यह नया तरीका था जिसमें यह संदेश व्हाट्सएप के जरिये भेजा गया जिसे सुनने के बाद डिलीट कर दिया गया। वढारिया के मोबाइल फोन में यह संदेश मिल गया। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि वढ़ारिया और रिजवान ने इस मामले में मुख्य भूमिका निभाई।
वढारिया ने पहले भी मुंबई और गुजरात में व्यापारियो से कथित तौर पर रंगदारी वसूली की कोशिश की थी। पुलिस के अनुसार रिजवान के पासपोर्ट पर उसका उपनाम कासकर नहीं लिखा है जबकि वढारिया के पास दो पासपोर्ट है। तीनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 387 (रंगदारी) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। तीनों को अदालत में पेश किया गया जहां से इन्हें 22 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।