नई दिल्ली: 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट का गुनहगार और भारत का मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम सरेंडर करना चाहता है। भारत में डॉन के वकील श्याम केसरवानी ने यह सनसनीखेज दावा किया है। वकील का कहना है कि दाऊद कुछ शर्तों के साथ भारत आना चाहता है। उन्होंने कहा कि दाऊद चाहता है कि उसे भारत में सबसे सुरक्षित जेलों में से एक मुंबई के आर्थर रोड सेंट्रल जेल में ही रखा जाए। आर्थर रोड जेल वही जेल है जहां मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी अजमल कसाब को फांसी देने से पहले रखा गया था।
केसरवानी दाऊद के भाई इकबाल इब्राहिम पर चल रहे उगाही के मामले में भी वकील हैं। मंगलवार को इसी की सुनवाई के लिए केसरवानी ठाणे कोर्ट पहुंचे थे। यहीं पर उन्होंने कहा कि दाऊद चाहता है कि उसे भारत में सबसे सुरक्षित जेलों में से एक मुंबई के आर्थर रोड में ही रखा जाए। खुद को दाऊद का वकील बताने वाले श्याम केसरवानी दावा तो कर रहे हैं कि शर्तों पर दाऊद भारत आना चाहता है लेकिन सरकारी वकील उज्जवल निकम इसे दाऊद का पुराना पैंतरा बता रहे हैं। उनके मुताबिक बेगर्स आर नॉट चूजर्स।
केसरवानी ने कहा कि दाऊद ने कुछ साल पहले भी भारत आने की इच्छा जताई थी तब उसने देश के जाने मानें वकील राम जेठमलानी से बात की थी लेकिन तब के नेताओं ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया। गौरतलब है कि दाऊद इब्राहिम भारत का मोस्ट वांटेड है और उस पर मुंबई सीरियल ब्लास्ट समेत कई संगीन आरोप हैं। वो करीब 25 सालों से भारत का भगोड़ा आतंकी है जिसने पाकिस्तान में पनाह ले रखी है। 2003 में अमेरिका ने उसे ग्लोबल टेररिस्ट माना। इंटरपोल को भी उसकी तलाश है।
12 मार्च 1993 को मुंबई में 13 जगह ब्लास्ट हुए, इन धमाकों में 350 लोग मारे गए। माना जाता है कि इन हमलों के पीछे दाऊद का हाथ था। भारत सरकार की तरफ से भी साफ कर दिया गया है कि उसे एक आतंकवादी की कोई शर्त मंजूर नहीं है। ऐसे में सवाल ये है कि आखिर दाऊद को कब भारत लाया जाएगा। आखिर कब अंडरवर्ल्ड के इस डॉन को मिलेगी उसके गुनाहों की सजा।