जम्मू कश्मीर में दो आतंवादियों के साथ पकड़े गए डीएसपी देविन्दर सिंह को गृह मंत्रालय की तरफ से किसी वीरता या मेधावी पदक से सम्मानित नहीं किया गया है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया कि देविन्दर सिंह को उनकी सेवा के दौरान केवल वीरता पदक से सम्मानित किया गया था जिसे 2018 में स्वतंत्रता दिवस पर जम्मू-कश्मीर राज्य द्वारा उन्हें दिया गया था। जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया कि डिप्टी एसपी दविंदर सिंह को 25-26 अगस्त 2017 को जिला पुलिस लाइंस पुलवामा में आतंकवादियों द्वारा एक फिदायीन हमले का सामना करने में उनकी भागीदारी के लिए वीरता पदक दिया गया था।
पुलिस उपाधीक्षक देविन्दर सिंह को शनिवार को उस वक्त गिरफ्तार किया गया था जब वह कथित रूप से दो आतंकवादियों को साथ लेकर जम्मू जा रहे थे। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब सिंह का नाम गलत कारणों से खबरों में है। इससे पहले संसद हमले के दोष में फांसी पर चढ़ाए गए अफजल गुरु ने 2013 की अपनी एक चिट्ठी में लिखा था कि सिंह ने ही उसे संसद हमले के सह आरोपी ‘‘मोहम्मद’’ को साथ लेकर ‘‘दिल्ली जाने और उसके लिए मकान किराए पर लेने तथा कार खरीदने को कहा था।’’ उस वक्त सिंह विशेष अभियान समूह में डीएसपी थे।
अधिकारियों ने बताया कि उस वक्त सिंह पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए पुख्ता सबूत नहीं मिले। लेकिन आतंकवादियों को लेकर जाते हुए शनिवार को हुई उनकी गिरफ्तारी ने गुरु द्वारा उठाए गए सवालों और लगाए गए आरोपों को फिर से जिंदा कर दिया है। मामले की जांच कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों ने इसमें सिंह की भूमिका पर आश्चर्य जताते हुए कहा है कि सभी जांचकर्ताओं की जबान पर एक ही सवाल है, ‘‘आप ऐसा कैसे कर सकते हो।’’ जांचकर्ता उनसे गहन पूछताछ कर रहे हैं। सिंह को पिछले ही साल राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया है लेकिन पिछले कुछ वक्त से वह पुलिस के राडार पर थे।
शुक्रवार को खुफिया एजेंसियों ने प्रतिबंधित संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के स्वयंभू जिला कमांडर नावीद बाबा और एक पूर्व पुलिसकर्मी के साथ सिंह की बातचीत सुनी और वहीं से डीएसपी का बुरा वक्त शुरू हो गया। सिंह की गिरफ्तारी से जुड़े पूरे अभियान का नेतृत्व दक्षिण कश्मीर के पुलिस उपमहानिरीक्षक अतुल गोयल ने किया। उन्होंने स्वयं नाके पर खड़े होकर उनका वाहन रोका। नाके पार कार रोककर चारों को गिरफ्तार किया गया। उस दौरान सिंह ने यह पासा फेंका कि वाहन में पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें गोयल के गुस्से का शिकार होना पड़ा। गिरफ्तारी के तत्काल बाद सिंह के आवास सहित विभिन्न जगहों पर पुलिस टीम भेजी गई। सिंह के आवास से दो पिस्तौल और एक एके राइफल जब्त की गई है।