नई दिल्ली: योग दिवस पर मचे हंगामे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुस्लिमों की बड़ी संस्था दारुल उलूम से समर्थन मिला है। दारुल उलूम ने बयान जारी कर कहा है कि, "योग को महज़ब से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए। इसलिए इसके खिलाफ किसी तरह का फ़तवा जारी नहीं करना चाहिए, क्योंकि योग एक व्यायाम है।"
इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने योग को धर्म से जोड़े जाने का विरोध किया था और मुसलमानों को इसमें भाग लेने से मना किया था।
वहीं बुधवार को द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने योग कार्यक्रम से सूर्य नमस्कार को हटाने का विरोध किया था और कहा था कि मुस्लिमों के वीटो के इसे कारण हटाया गया है।
गौरतलब है कि दारूल उलूम मुस्लिमों की धार्मिक शैक्षणिक संस्था है। दारुल उलूम इस्लाम की शिक्षा के लिए मशहूर है। इसका मुख्यालय उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के देवबंद में है। आजादी की लड़ाई में इस संस्था का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।