नई दिल्ली: ईद के दिन गले मिलने को इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद ने एक फतवे में बिदअत यानि गलत करार दिया है। दारुल उलूम के फतवे का उलेमा ने भी समर्थन किया है। देवबंद के इस फतवे में कहा गया है कि ईद के त्योहार के दौरान एक-दूसरे से गले मिलना इस्लाम की नजर में अच्छा नहीं है।
दरअसल पाकिस्तान के एक शख्स ने दारुल से सवाल पूछा था कि क्या हजरत मोहम्मद साहब के जीवनकाल में किए गए अमल (कार्यों) से यह साबित होता है कि ईद के दिन गले लगना अच्छा है?
देवबंद के मुफ्तियों ने इस सवाल के जवाब में दिए फतवे में कहा है कि अगर कोई ऐसा करता है तो उसे विनम्रता के साथ रोक देना चाहिए। हालांकि दारुल के मुफ्तियों ने कहा है कि अगर किसी से बहुत दिनों के बाद मुलाकात हुई हो तो उससे गले मिलने में कोई हर्ज नहीं है।
देवबंदी उलेमा मौलाना कारी साहब गोरा ने भी दारूल उलूम के फतवे का समर्थन किया है और कहा है कि मोहम्मद साहब की जिंदगी से यह कहीं साबित नहीं होता कि खास ईद के दिन गले मिलना चाहिए इसलिए तमाम मुसलमानों को इससे बचना चाहिए।