नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को राज्यसभा में मुद्रा योजना पर सवाल उठाने वालों को जवाब दिया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि “मुद्रा योजना के तहत 27 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के लोन दिए जा चुके हैं, ये लोन किसने लिए, दामाद ने?” विपक्षी दलों ने वित्त मंत्री की इस टिप्पणी का विरोध किया तो उन्होंने कहा, दामाद शब्द पर कांग्रेस पार्टी का ट्रेडमार्क नहीं है, उन्होंने कहा दामाद हर घर में होता है लेकिन कांग्रेस में दामाद एक विशेष नाम है।
वित्त मंत्री ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को लेकर सवाल उठाने वालों पर भी निशाना साधा, उन्होंने कहा, "अगस्त 2016 से जनवरी 2020 तक UPI के तहत 3.6 लाख करोड़ रुपए की डिजिटल ट्रांजेक्शन हुई है, UPI का इस्तेमाल कौन करता है, क्या अमीर करते हैं, नहीं, मिडल क्लास और छोटे व्यापारी करते हैं, ये लोग कौन हैं, क्या सरकार ने रईसों के लिए UPI को तैयार किया है, किसी दामाद के लिए तैयार किया है, नहीं"।
ये भी पढ़ें: ममता को झटका? TMC के सांसद दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा से दिया इस्तीफा
वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में जब से कार्यभार संभाला है, मनरेगा स्कीम की खामियों को दूर करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान मनरेगा स्कीम के तहत 1.11 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का आबंटन किया गया है ताकी गरीब पर महामारी के असर को कम किया जाए। उन्होंने कहा कि कुल आबंटन में से 90,400 करोड़ रुपए अबतक खर्च किए जा चुके हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार पर साठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाना बेबुनियाद, गांवों में सड़कों का निर्माण, हर गांव में बिजली, छोटे किसानों के खातों में पैसा डालने जैसी योजनाएं गरीबों के लिये है न कि पूंजीपतियों के लिये, बजट में किये गये प्रावधान आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिये हैं।
ये भी पढ़ें: ऋषिगंगा के मुहाने पर बनी कृत्रिम झील, मचा सकती है बड़ी तबाही, प्रशासन अलर्ट
सीतारमण ने आगे कहा कि बजट में तात्कालिक सहायता के साथ साथ मध्यम और दीर्घ अवधि में सतत आर्थिक वृद्धि बनाये रखने पर ध्यान दिया गया है। आम आदमी की भलाई के लिए हमारी सरकार की योजनाओं के बावजूद विपक्ष एक झूठी कहानी बना रहा है कि सरकार ताकतवर पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है। बजट में किये गये प्रोत्साहन प्रावधान आर्थिक पुनरूद्धार के लिये, महामारी के दौरान किये गये सुधार वृद्धि को पटरी पर लाने के लिये किये गये। बजट की विशेषताएं हैं अवसंरचना निर्माण, निरंतर सुधार, खातों में पारदर्शिता।
सीतारमण ने कहा कि पश्चिम बंगाल की तरफ से छोटे एवं सीमांत किसानों की सूची नहीं देने से पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2021-22 के लिये आबंटन 10,000 करोड़ रुपये कम किया गया है। मनरेगा के तहत आबंटित कोष का उपयोग हमारी सरकार में बढ़ा है।
ये भी पढ़ें: ऋषिगंगा के मुहाने पर बनी कृत्रिम झील, मचा सकती है बड़ी तबाही, प्रशासन अलर्ट