नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ आपराधिक कदाचार और आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 10 करोड़ रूपये से ज्यादा की सम्पत्ति जमा करने के लिए आरोप तय करने का सोमवार को आदेश दिया। अदालत ने कहा कि वह बेहिसाब राशि को सेब की बिक्री से मिली राशि के तौर पर पेश करके, कर प्राधिकारियों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरूण भारद्वाज ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दो अपराधों के अलावा 82 वर्षीय कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता के तहत कथित जालसाजी और धोखधड़ी का प्रयास के आरोप भी बनते हैं। अदालत ने इसके साथ ही उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और सात अन्य के खिलाफ अपराध में सहायता करने के लिए आरोप तय करने का भी आदेश दिया।
अदालत ने मामले को सात जनवरी को अगली सुनवायी के लिए सूचीबद्ध किया जब इन सभी को न्यायाधीश को बताना होगा कि वे आरोपों को स्वीकार करते हैं या नहीं। औपचारिक रूप से आरोप तय करने के बाद अदालत मामले में सुनवायी शुरू करती है। मामले के अन्य सात आरोपियों में एलआईसी एजेंट आनंद चौहान, चुन्नी लाल चौहान, जोगिंदर सिंह घालता, प्रेम राज, वी चंद्रशेखर, एल कुमार रोच और राम प्रकाश भाटिया शामिल हैं।