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चक्रवात ओखी: 6 मछुआरों की मौत, 102 लापता

केरल में शनिवार को चार और मछुआरों के शव बरामद किए गए, जिसके बाद चक्रवात ओखी के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर अब छह हो गई है। जबकि राज्य के 102 मछुआरों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।

Reported by: IANS
Published on: December 03, 2017 9:30 IST
cyclone ockhi,- India TV Hindi
cyclone ockhi,

तिरुवनंतपुरम: केरल में शनिवार को चार और मछुआरों के शव बरामद किए गए, जिसके बाद चक्रवात ओखी के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर अब छह हो गई है। जबकि राज्य के 102 मछुआरों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। भारतीय नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक द्वारा शुरू बचाव अभियान के हिस्से के रूप में शव बरामद किए गए। चक्रवात ओखी ने केरल और तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में दस्तक दी है।

एक मृतक की पहचान हो गई है, लेकिन बाकी तीन शव बुरी तरह सड़ गए हैं, जिसके कारण उनकी पहचान कर पाना कठिन हो गया है। 

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, केरल के 37 मछुआरों को संयुक्त अभियान में बचाया गया, जबकि कुछ अन्य अपने आप लौट आए। शनिवार शाम तक, लौटे मछुआरों की कुल संख्या 450 थी, जबकि राज्य के 102 लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। वे अभी भी गायब हैं।

मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने मीडिया को बताया कि मृत मछुआरों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 20-20 हजार रुपये दिए जाएंगे। और जिन लोगों ने मछली पकड़ने वाले उपकरणों को खो दिए हैं, उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा। लापता मछुआरों के बारे में पूछे जाने पर, विजयन कोई आंकड़ा देने में असमर्थ थे, लेकिन उन्होंने कहा कि सूचना मिली है कि केरल के कुछ मछुआरे लक्षद्वीप में हैं।

तिरुवनंतपुरम जिला कलेक्टर एस. वासुकी ने मीडिया को बताया कि केरल से 102 मछुआरों को 'लापता' नहीं कहा जा सकता। ये मछुआरे समुद्र में गए थे। वे अभी तक घर नहीं पहुंचे हैं और न ही उन्होंने अपने रिश्तेदारों से संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि कोई भी मछली पकड़ने के लिए समुद्र में न जाए।

वासुकी ने कहा, "हमने उन मछुआरों की टीमों का निर्देश दिया है, जिन्होंने अपने खुद के बचाव कार्य शुरू किए हैं, कि केवल 20 मीटर से लंबी नौकाओं को ही इस्तेमाल करें और समुद्र में दो मील से आगे न जाएं।" 

राजधानी में दो स्थानों पर और अलापुझा में एक जगह पर गुस्साए मछुआरों ने 'खराब' बचाव कार्य का विरोध करते हुए राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया। मछुआरों ने केरल सरकार को तूफान के बारे में मछुआरों को सूचित नहीं करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। प्रदर्शनकारियों ने कहा, "जब तमिलनाडु सरकार ने मछुआरों को चेतावनी जारी की, तब हमारी सरकार को क्या हुआ, वह कहां थी?" लापता मछुआरों के परिवारों ने अब अपने प्रियजनों की तस्वीरें मीडिया को प्रदर्शित करनी शुरू कर दी है, ताकि राज्य के दूसरे हिस्सों को संदेश भेजा जा सके।

शनिवार सुबह, गहरे समुद्र में बारिश और हवा की तीव्रता कम हो गई। हालांकि, मौसम विभाग ने भारी बारिश का अनुमान जाहिर किया है।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एम.एम. हसन ने मीडिया से कहा कि विजयन सरकार ने सब कुछ गड़बड़ कर दिया है। हसन ने कहा, "चक्रवात की चेतावनी मुख्य सचिव के पास 29 नवंबर को आई थी, जिसे विजयन के कार्यालय को सौंप दिया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन राज्य के पर्यटन मंत्री के. सुरेंद्रन का कहना है कि यह त्रासदी इसलिए हुई, क्योंकि मछुआरों ने चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया था। हम जानना चाहते हैं कि किसने और क्या चेतावनी जारी की थी। कोई चेतावनी जारी नहीं की गई थी, क्योंकि विजयन ने कहा है कि उन्हें तूफान के बारे में 30 नवंबर को अपराह्न् पता चला। यह केरल सरकार की तरफ से एक भारी चूक है।"

केरल सरकार ने चक्रवात से प्रभावित मछली पकड़ने वाले गांवों में मुफ्त राशन की आपूर्ति की घोषणा पहले ही कर दी है। 

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