अमरावती: चक्रवाती तूफान 'निवार' ने पूरे आंध्र प्रदेश में तबाही मचाई। ‘निवार’ के चलते आंध्र प्रदेश में 164 जगहों पर गुरुवार सुबह तक पिछले 24 घंटों में 60 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई जिसके कारण जनजीवन पर गहरा असर पड़ा और एक व्यक्ति की मौत हो गयी। एनडीआरएफ कर्मियों ने चित्तूर जिले में एक जलाशय से दो लोगों को बचा लिया जबकि एक किसान के बाढ़ के पानी में बह जाने की आशंका है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक एसपीएस नेल्लोर, चित्तूर, कडपा, कृष्णा, प्रकाशम और ईस्ट गोदावरी जिलों में अतिवृष्टि हुई। अनंतपुरामु, कुरनूल, गुंटूर और वेस्ट गोदावरी में भी मध्यम से भारी बारिश हुई।
तमिलनाडु से लगे एसपीएस नेल्लोर और चित्तूर जिलों में प्रति घंटे 45-65 किलोमीटर रफ्तार से तूफानी हवाएं चल रही थी। तिरुमला में भी बुधवार से बारिश के कारण श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हुई। नेल्लोर जिले में 5 जगहों - एपीएफटी कॉलोनी (302.7 मिमी), बोग्गुलामित्त वार्ड (272.7 मिमी), एमपीपी स्कूल (264 मिमी), समर स्टोरेज टैंक (242.7 मिमी) और थाटीपरी (239.5 मिमी) में सबसे ज्यादा बारिश हुई। यहां कम से कम 3363 लोगों को 115 राहत शिविरों में भेजा गया।
एसपीएस नेल्लोर जिले में स्वर्णमुखी नदी उफान पर है। राज्य के जल संसाधन मंत्री पी अनिल कुमार ने कुछ राहत शिविरों का दौरा किया और प्रभावित लोगों से बात की। उन्होंने अधिकारियों को राहत के लिए आवश्यक निर्देश दिए। कडपा, चित्तूर और एसपीएस नेल्लोर जिलों में तूफानी हवाओं के बीच पेड़ों के गिर जाने के कारण मार्ग बाधित हो गया।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक बारिश के कारण कुछ जिलों में सैकड़ों एकड़ में खड़ी फसल बर्बाद हो गयी। मुख्यमंत्री एस जगन मोहन रेड्डी ने बृहस्पतिवार दोपहर शीर्ष अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की और संबंधित जिलाधिकारियों को चौकस रहने को कहा। मुख्यमंत्री ने एसपीएस नेल्लोर जिले के जिलाधिकारी को उस व्यक्ति के परिवार की मदद करने को कहा जिसकी करंट लगने से बुधवार को मौत हो गयी थी।
चित्तूर के जिला कलेक्टर नारायण भरत गुप्ता ने कहा, "बुधवार को जिले में औसतन 8.6 सेमी बारिश हुई। वरदयैपलेम, येरपेडु, श्रीकालहस्ती, सत्यवेदु, नागुलपुरम, विजयपुरम और नारायणवनम मंडल में 12 सेमी से ज्यादा बारिश हुई।" चित्तूर जिले में तीन किसान अपने खेत गए थे लेकिन बृहस्पतिवार को मालेमाडुगु जलाशय से बाढ़ का पानी आने के कारण वहां फंस गए। एनडीआरएफ और राज्य आपदा मोचन बल और दमकल के कर्मियों ने दो किसानों को बचा लिया और तीसरे किसान की तलाश की जा रही है।