ओडिशा सहित पूर्वी भारत में भले ही चक्रवाती तूफान फनि ने भारी तबाही मचाई हो। लेकिन भारतीय एजेंसियों द्वारा इससे निपटने में जो मुस्तैदी दिखाई है, दुनिया उसकी तारीफ कर रही है। विनाशकारी चक्रवात निपटने की भारत की तैयारियों को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने सराहा है। यूएन एजेंसी फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन ने चक्रवात का सटीक पूर्वानुमान लगाने और सही वक्त पर चेतावनी जारी करने के लिए भारतीय मौसम विभाग की भी तारीफ की है। एजेंसी ने कहा कि इसी कारण लोगों को सही वक्त पर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना संभव हुआ और जिससे जानमाल का नुकसान कम हुआ।
बता दें कि बंगाल की खाड़ी में उठे इस चक्रवाती तूफान को लेकर मौसम विभाग ने सटीक जानकारियां दी थीं। जिसकी वजह से ओडिशा से करीब 12 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया था। 200 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से आए तूफान की चपेट में आने से 16 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। पुराने तूफानों की वीभत्सता को देखते हुए यह आंकड़ा काफी कम माना जा रहा है।
यूएन महासचिव एंटोनियो गुतेरस के प्रवक्ता ने कहा कि भारत में मौजूद हमारे अधिकारियों ने भी तैयारियों का जायजा लिया था। डिजास्टर रिस्क रिडक्शन मामले में यूएन महासचिव के विशेष प्रतिनिधि (एसआरएसजी) मामी मिजुतोरी ने कहा, 'भारत ने नुकसान कम से कम करने का लक्ष्य लेकर अपनी तैयारी की थीं। वह सेंडाइ फ्रेमवर्क के उद्देश्यों को पूरा करने में अहम योगदान दे रहा है।' सेंडाइ फ्रेमवर्क फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन 2015-2030 को यूएन के सदस्य देशों ने मार्च 2015 में स्वीकार किया था। इसके तहत आपदा प्रबंधन में केंद्र सरकार के साथ स्थानीय प्रशासन की भूमिका भी तय हुई थी।
तूफान ने बांग्लादेश में लीं 14 जानें
फनि तूफान शनिवार को ओडिशा से पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश पहुंचा। ढाका से मिली खबरों के मुताबिक फनि के कारण बांग्लादेश में 14 लोगों की मौत हो गई। जबकि 63 अन्य घायल हुए हैं। यहां के तटीय इलाकों के करीब 36 गांवों में चक्रवात के कारण पानी भर गया है। तटीय जिलों में सैकड़ों मकान नष्ट हो गए हैं। देश के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति और इंटरनेट सेवा बाधित हो गई है।