कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान बुलबुल का लैंडफॉल हो चुका है। दक्षिण 24 परगना के सुंदरबन इलाके में 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल चलने के साथ ही बारिश भी हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक लगभग 3 घंटे तक लैंडफॉल प्रक्रिया चलेगी और इसके बाद बुलबुल तूफान बांग्लादेश की ओर प्रवेश कर जाएगा। इसी बीच राज्य सरकार की ओर से एक लाख से भी ज्यादा लोगों को दक्षिण 24 परगना और मिदनापुर इलाकों से सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित किया गया है। अब तक बुलबुल तूफान से कई कच्चे घरों और पेड़ों के टूटने की खबर है।
चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ के कारण हुई भारी बारिश से पश्चिम बंगाल के तट पर पेड़ उखड़ गए जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गयी और यातायात बाधित रहा। अधिकारियों ने यह सूचना दी। शनिवार तड़के से लगातार हो रही बारिश से कोलकाता और आसपास से उपनगरीय क्षेत्रों में सड़कों पर पानी भर गया है, नालियां उफन रही हैं और यातायात जाम हो गया है।
अधिकारियों ने बताया कि पेड़ गिरने से शहर के एक क्लब में एक व्यक्ति की मौत हो गयी। कोलकाता नगर निगम ने जलभराव से निजात पाने के लिए विशेष टीम तैनात की है जो उच्च क्षमता वाले पंपों से पानी की निकासी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वे खुद स्थिति की निगरानी कर रही हैं और बुलबुल तूफान से लड़ने के लिए प्रशासन हरसंभव इंतजाम कर रहा है। मुख्यमंत्री ने नागरिकों से शांति कायम रखने और परेशान न होने का आग्रह किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि स्कूल कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रखे गए और तटीय क्षेत्रों के 1.2 लाख लोगों को बचा लिया गया है। राज्य सचिवालय में आपातकालीन संचालन केंद्र (ईओसी) नियंत्रण कक्ष खोले गए हैं। शुक्रवार से पश्चिम बंगाल-ओडिशा तट पर मछली पकड़ने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा है। पर्यटकों को भी समुद्र के निकट न जाने को कहा गया है।