चक्रवाती तूफान अम्फान तेजी से भारत की पूर्वी तटीय सीमाओं की ओर बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार यह तूफान 20 मई की सुबह तटीय हिस्सों को झकझोर सकता है। वहीं अगले दो दिन तक पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हुगली और हावड़ा जिलों में अत्यंत भारी बारिश हो सकती हैं। IMD प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह पिछले दो दशकों में आया सबसे तीव्र चक्रवात है। 1999 के बाद बंगाल की खाड़ी में यह दूसरा सुपर साइक्लोन है। अभी समुद्र में इसकी हवा की गति 200-240 किमी प्रति घंटे है। यह उत्तर पश्चिमोत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है।
महापात्र ने बताया कि इस समय यह तूफान उत्तर पश्चिम दिशा में 17 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। जहां तक पश्चिम बंगाल का सवाल है तो यह तूफान उत्तर और दक्षिण परगना जिलों और पूर्वी मिदनापुर जिले में प्रभाव डाल सकता है। कोलकाता, हुगली, हावड़ा और पश्चिमी मिदनापुर जिले में 110 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। जो कि 135 किमी. प्रति घंटे तक जा सकता है। महापात्रा के अनुसार उष्णकटिबंधीय चक्रवात के कारण केरल में मानसून के आगमन में थोड़ी देरी की उम्मीद की जा रही है। 5 जून तक मानसून केरल तट से टकराने की संभावना है।
एनडीआरएफ तैयार
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख एसएन प्रधान ने मंगलवार को कहा कि यह पहली बार है कि हम एक साथ दो आपदाओं का सामना कर रहे हैं। हम कोरोना वायरस महामारी के बीच चक्रवात अम्फान की दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं। हम इस चुनौती की विशालता के अनुसार कदम उठा रहे हैं। प्रधान ने बताया कि अम्फान चक्रवात कल सुबह तटीय इलाकों से टकराएगा। इसे अत्यंत भयंकर चक्रवाती तूफान की श्रेणी में रखा गया है और इसके अनुसार ही सारी तैयारियां की जा रही हैं। प्रधान ने बताया कि 6 अतिरिक्त एनडीआरएफ बटालियन से चार-चार टीमों को स्टैंड-बाई मोड पर रखा गया है। इन टीमों को आने वाली जरूरतों के मुताबिक त्वरित सूचना पर भारतीय वायु सेना के विमानों द्वारा एयर लिफ्ट कर प्रभावित इलाकों में भेजा जा सकेगा।