कोलकाता/भुवनेश्वर/नयी दिल्ली। ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में बीते बुधवार को 190 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाले विकराल चक्रवाती तूफान अम्फान के कारण भारी तबाही हुयी और कम से 12 लोगों की मौत हुई है। जबकि पांच हजार से ज्यादा घरों को नुकसान हुआ है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।
चक्रवात बीते बुधवार अपराह्न में करीब ढाई बजे पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच तट पर पहुंचा। चक्रवात के कारण तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही हुयी है। चक्रवात की वजह से बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए वहीं कच्चे मकानों को भी खासा नुकसान हुआ।
एक अधिकारी ने बताया कि उत्तरी 24 परगना जिले में पेड़ उखड़ने से एक पुरुष और एक महिला की मौत हो गई, वहीं हावड़ा में इसी तरह की एक घटना में 13 वर्षीय लड़की की मौत हो गयी।
पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम और रामनगर उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना के दो जिले पूरी तरह तबाह हो गये। टीवी फुटेज में दीघा तट पर समुद्र की काफी ऊंची लहरें दिखाई दीं। भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर पानी भर गया, वहीं कच्चे मकान गिर गए या क्षतिग्रस्त हो गए।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने प्रधान के साथ मीडिया को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए बताया कि चक्रवात तूफान के केंद्र का व्यास 30 किमी का था। कोलकाता में उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना तथा पूर्वी मिदनापुर से आने वाली खबरों में कहा गया है कि खपरैल मकानों के ऊपरी हिस्से तेज हवाओं में उड़ गए। बिजली के खंभे टूट गए या उखड गए।
अधिकारियों ने कहा कि उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में पांच मीटर तक का ज्वार उठा जिससे काफी दायरे में आने वाले क्षेत्र जलमग्न हो गए।