बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान अम्फान तेजी से भारतीय तट की ओर बढ़ रहा है। इस चक्रवाती तूफान को देखते हुए ओडिशा में 21 साल पहले आए सुपर साइक्लोन की यादें ताजा हो रही हैं। एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने बताया कि आईएमडी से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार एम्फन सुपर साइक्लोन की शक्ल अख्तियार कर चुका हैै। 1999 के बाद भारतीय तट पर पहुंचने वाला यह पहला सुपर साइक्लोन है। अक्टूबर 1999 में ओडिशा में आए सुपर साइक्लोन ने भारी तबाही मचाई थी। इस प्राकृतिक आपदा में हजारों लोगों की जान गई थी। हालांकि उन्होंने बताया कि भारतीय तट से टकराते वक्त इसकी रफ्तार कुछ कम हो जाएगी और यह पिछले साल आए फोनी तूफान की रफ्तार से भारतीय तट से टकराएगा।
एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान के अनुसार यह सुपर साइक्लोन 20 मई को सुबह या दोपहर भारत से टकरा सकता है। जब यह भारत से टकराएगा तब यह सुपर साइक्लोन से कुछ कम यानि कि अति गंभीर साइक्लोन की शक्ल अख्तियार कर चुका होगा। यह साइक्लोन फोनी के समकक्ष है। यह एक चिंताजनक विषय है। पश्चिम बंगाल ओडिशा से यह आग्रह है कि मुकम्मल कार्रवाई करें। भारत सरकार इसके लिए काफी गंभीर है। आज ही अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में बैठक की है। इस पूरे साइक्लोन को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है।
एनडीआरएफ ने तैनात की 30 कंपनियां
उन्होंने बताया कि चिंता का विषय यह है कि जब यह 20 मई को तट पर पहुंचेगा तब कच्चे मकान, बिजली के तार गिर सकते हैं। यहां जानमाल की सुरक्षा की तैयारी है। इसे देखते हुए 17 टीमें पश्चिम बंगाल में तैनात की गई हैं। वहीं 5 टीमें स्टैंडबाय पर रहेंगी। वहीं ओडिशा में 13 टीमें तैनात हैं और 7 टीमें स्टैंडबाय पर रहेंगी।
होगी भारी बारिश
मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात से तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल में गंगा से लगने वाले क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होगी। ओडिशा सरकार जहां संवेदनशील इलाकों में रह रहे 11 लाख लोगों को निकालने की तैयारी कर रहा है, वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने तटीय जिलों के लिए अलर्ट जारी किया और राहत टीमें भेजी हैं। मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल के लिए ऑरेंज चेतावनी जारी की है और कहा कि अम्फान 20 मई को दोपहर या शाम के दौरान अत्यंत प्रचंड तूफान के रूप में बांग्लादेश में हटिया द्वीप और पश्चिम बंगाल के दीघा के बीच पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश तट के बीच से गुजरेगा। इस दौरान 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी जो कभी भी 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती हैं।