नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के नाम पर देश में साइबर अपराधों में इजाफा हुआ है। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के नाम पर कई लिंक व्हाट्सएप और सोशल मीडिया के जरिये लोगों को भेजे जा रहे हैं, जिसपर क्लिक करते हुए उनकी सारी जानकारी अपराधियों के हाथ में पहुंच जाती है और वे इसका इस्तेमाल बैंक खाते से धन निकालने, क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करने में कर रहे हैं। ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या देख पश्चिम दिल्ली के पुलिस कमिश्नर कार्यालय से एक एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें ऐसे साइबर अपराधों के तरीकों और उनसे बचने के उपायों के बारे में बताया गया है।
पुलिस ने कहा कि साइबर अपराधी कोरोना वायरस के डर का फायदा उठाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। इसमें ऑनलाइन फ्रॉड, टेलीफोन फ्रॉड और फिशिंग प्रमुख हैं। पुलिस ने बताया कि अपराधी ऑनलाइन फ्रॉड के जरिये धोखेबाजों ने फर्जी वेबसाइट, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया एकाउंट बनाकर ई-मेल के जरिये मेडिकल उपकरण और दवाएं बेचने का दावा कर रहे हैं और लोगों से बैंक एकाउंट के माध्यम से भुगतान करने के लिए कह रहे हैं।
कुछ लोग टेलीफोन के जरिये लोगों से कह रहे हैं कि उनके रिश्तेदार या परिचित कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है और इलाज के नाम पर वह लोगों से पैसे की मांग कर रहे हैं। अपराधियों द्वारा कोरोना वायरस महामारी से जुड़े लिंक भेजे जा रहे हैं, इस लिंक के जरिये अपराधी लोगों को एक वेबपेज पर लैंड करवाते हैं और उनसे अपने ई-मेल वा पासवर्ड के जरिये लॉगइन करने के लिए कहते हैं। ऐसा करते ही सारी क्रिडेंशियल उनके पास पहुंच जाती है और वे आपकी गोपनीय जानकारी चुरा कर आपका बैंक खाता खाली कर देते हैं।
पुलिस ने कहा है कि कोरोना वायरस के नाम पर सोशल मीडिया एप्स और ईमेल पर आने वाले किसी भी फर्जी लिंक को खोलने से बचें। सोशल मीडिया और बैंकिंग गतिविधियों के लिए मजबूत पासवर्ड और बहु स्तरीय सुरक्षा को अपनाएं। अपने एंटीवायरस सॉफ्टवेयर के साथ ही कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर को अपडेट करें। अपने परिवार, विशेषकर बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षा े बारे में बताएं। अगर आप पीडि़त हैं तो तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दें।