नई दिल्ली: भारत में 2020 में साइबर अपराध के 50,035 मामले दर्ज किए गए, जो उसके पिछले वर्ष दर्ज मामलों की तुलना में 11.8 फीसदी अधिक हैं। साथ ही ‘‘सोशल मीडिया पर फर्जी सूचना’’ के 578 मामले सामने आए। यह जानकारी बुधवार को आधिकारिक आंकड़ों से मिली। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, देश में साइबर अपराध की दर (प्रति एक लाख की आबादी पर घटनाएं) 2019 में 3.3 फीसदी से बढ़कर 2020 में 3.7 फीसदी हो गईं।
आंकड़ों के मुताबिक, देश में 2019 में साइबर अपराध के मामलों की संख्या 44,735 थी जबकि 2018 में यह संख्या 27,248 थी। NCRB के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी के 4047 मामले, ओटीपी धोखाधड़ी के 1093 मामले, क्रेडिट/डेबिट कार्ड धोखाधड़ी के 1194 मामले जबकि एटीएम से जुड़े 2160 मामले दर्ज किए गए।
इसमें बताया गया कि सोशल मीडिया पर फर्जी सूचना के 578 मामले, ऑनलाइन परेशान करने या महिलाओं एवं बच्चों को साइबर धमकी से जुड़े 972 मामले सामने आए जबकि फर्जी प्रोफाइल के 149 और आंकड़ों की चोरी के 98 मामले सामने आए। गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले NCRB ने बताया कि 2020 में दर्ज साइबर अपराधों में से 60.2 फीसदी साइबर अपराध फर्जीवाड़ा (50,035 में से 30,142 मामले) से जुड़े हुए थे।
आंकड़ों के मुताबिक, यौन उत्पीड़न के 6.6 फीसदी (3293 मामले) और उगाही के 4.9 फीसदी (2440 मामले) दर्ज किए गए। इसमें बताया गया कि साइबर अपराध के सर्वाधिक 11097 मामले उत्तर प्रदेश में, 10741 कर्नाटक में, 5496 महाराष्ट्र में, 5024 तेलंगाना में और 3530 मामले असम में दर्ज किए गए।
बहरहाल, अपराध की दर सबसे अधिक कर्नाटक में 16.2 फीसदी थी, जिसके बाद तेलंगाना में 13.4 फीसदी, असम में 10.1 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 4.8 फीसदी और महाराष्ट्र में यह दर 4.4 फीसदी थी।