नई दिल्ली: अगर आपने 20 साल पहले भी किसी पेड़ को काटा है और उसके बदले नए पौधे नहीं लगाए हैं या किसी तरह का कोई जुर्माना नहीं अदा किया है तो फिर आपकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं, क्योंकि आपको इस संबंध में नोटिस मिल सकता है और जुर्माना भरने के लिए कहा जा सकता है। फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने वर्ष 2002 से लेकर 2010 तक दक्षिण संभाग में नियमों का उल्लंघन कर पेड़ काटने के लिए नोटिस जारी कर वर्ष 2002 से बकाया वसूलने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत पेड़ काटने के एवज में जुर्माने की वसूली या फिर अनिवार्य पौधारोपण कराया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि जुर्माने की राशि 34,500 से कई लाख तक हो सकती है। दक्षिण संभाग के एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने कहा कि कई वर्षों से बकाया राशि की वसूली के लिए अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान में कटाई की अनुमति देने के बाद साइटों का निरीक्षण किया गया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा। “एक पेड़ को गिराने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को दो विकल्प दिए जाते हैं। पहले सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा की जाती है, जो कि पेड़ गिराने की राशि होती है। पौधरोपण और पांच साल तक पौधे के रख-रखाव के लिए भी पैसा इकट्ठा किया जाता है। प्रत्येक पेड़ को काटे जाने पर हमारे द्वारा 10 पौधे लगाए जाते हैं और पांच वर्षों तक उसकी देखभाल की जाती है जिसके लिए आवेदक से पैसे जमा कराए जाते हैं। कुछ मामलों में, लोग कहते हैं कि वे वृक्षारोपण स्वयं करेंगे, लेकिन वे ऐसा नहीं करते हैं।' अधिकारी ने कहा कि अन्य मामलों में लोग पेड़ तो लेकिन इसके बदले जरूरी पौधरोपण के लिए पैसे नहीं जमा कराते हैं।'
वन विभाग के मुताबिक पांच साल की अवधि में 10 पौधे लगाने और उनके रखरखाव के लिए 34,500 रुपये की राशि निर्धारित की गई है। दक्षिण संभाग के एक वन अधिकारी ने कहा कि 2011 और 2020 के बीच हुए उल्लंघन के लिए और नोटिस जारी किए जाने हैं।उत्तर संभाग के एक वन अधिकारी ने कहा कि वे भी जल्द ही इसी तरह का अभियान शुरू करेंगे। अधिकारी ने कहा “इससे पहले भी नोटिस जारी किए गए हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में आवेदक जवाब नहीं देते हैं या आवश्यक जानकारी जमा नहीं करते हैं। कई चूकों के बाद, उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।' वन अधिकारियों का कहना है कि अब तक सैकड़ों उल्लंघनकर्ताओं की पहचान की जा चुकी है और अभियान से लाखों रुपये वसूल होने की उम्मीद है।