नई दिल्ली: पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता बरतने की बात पर जोर दिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और डोनर मंत्री किशन रेड्डी समेत इन मंत्रालयों के राज्य मंत्रियों का भी परिचय मुख्यमंत्रियों से करवाया और कहा कि इनसे आप लोगों का संबध बराबर रहने वाला है। उन्होंने कुछ जगहों पर मामलों में आई तेजी पर चिंता जताते हुए कहा कि पूर्वोत्तर के कुछ जिलों में संक्रमण की दर में बढ़ोतरी हुई है, हमें और सतर्क रहने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने हेल्थ वर्कर्स की सराहना की
पीएम ने कहा, कोरोना से पूर्वोत्तर में आप लोग इनोवेटिव आइडियाज के साथ इससे निपटने के लिए जो मेहनत कर रहे हैं, आपने जो योजनाएं बनाई हैं और साकार किया है, उनका आपने वर्णन किया।’ वैक्सीन पर बात करते हुए पीएम ने कहा कि 4 राज्यों को इंप्रूव करना बाकी है लेकिन बाकियों ने बड़ी संवेदनशीलता के साथ वेस्टेज को रोका। उन्होंने कहा, ‘इतना ही नहीं आपने हर वायल में से मैक्सिमम युटिलिटी का भी काम किया। मैं आपके इस प्रयास को और हमारे जो मेडिकल टीम के लोग हैं उन सभी को विषेष बधाई देता हूं।’ पूर्वोत्तर की भौगौलिक चुनौतियों के बावजूद टेस्टिंग और ट्रीटमेंट से लेकर वैक्सीनेशन का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर उन्होंने हेल्थ वर्कर्स समेत सभी लोगों की सराहना की।
‘हमें और सतर्क रहने की जरूरत है’
मोदी ने कहा, ‘जिन 4 राज्यों में अभी कुछ कमी महसूस हो रही है वहां पर भी अच्छे ढंग से काम किया जाएगा ऐसा विश्वास है। वर्तमान परिस्थितियों से हम सब भली भांति परिचित हैं। दूसरी लहर के दौरान अलग-अलग सरकारों द्वारा मिलकर जो सामूहिक प्रयास किए गए हैं उसका परिणाम दिख रहा है, लेकिन पूर्वोत्तर के कुछ जिलों में संक्रमण की दर में बढ़ोतरी हुई है। हमें और सतर्क रहने की जरूरत है और लोगों को भी लगातार सतर्क करना होगा। संक्रमण रोकने के लिए हमें माइक्रो स्तर पर और सख्त कदम उठाने होंगे।’ असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की रणनीति का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, ‘हेमंत जी बता रहे थे कि उन्होंने लॉकडाउन की बजाय माइक्रो कंटेनमेंट जोन का रास्ता चुना और 6,000 कंटेनमेंट जोन बनाए। जितना जोर माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर हम लगाएंगे, हम इस परिस्थिति से बाहर आएंगे।’
‘कोरोना बार-बार अपने रंगरूप बदलता है’
पीएम ने कहा, ‘डेढ़ साल में जो अनुभव हमें मिले हैं उसका इस्तेमाल करना होगा। आपके राज्य में कुछ जिले और गांव होंगे जहां पर इनोवेटिव तरीके से इन चीजों को हेंडल किया है। कोरोना वायरस के हर वेरिएंट पर भी नजर रखने की जरूरत है। यह बिल्कुल बहरूपिया है, बार-बार अपने रंगरूप बदलता है और हमारे लिए चुनौतियां खड़ी करता है, इसलिए हर वेरिएंट पर बारीकी पर नजर रखने की जरूरत है। म्यूटेशन के बाद यह कितना परेशान करेगा, इस बारे में एक्सपर्ट लगातार स्टडी कर रहे हैं। वायरस का प्रहार, दो गज की दूरी, मास्क और वैक्सीनेशन के कवच के सामने कमजोर पड़ेगा। टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट की जो हमारी रणनीति है वह अगर बेहतर होगी तो ज्यादा से ज्यादा जीवन बचाने में हम सफल होंगे।’
‘तीसरी लहर अपने आप नहीं आएगी’
मोदी ने कहा, ‘हमें हर नागरिक को कोरोना बचाव के लिए बने नियमों का पालन करने के लिए निरंतर प्रोत्साहित करते रहना होगा। कोरोना की वजह से टूरिज्म, व्यापरा, कारोबार, बहुत प्रभावित हुए हैं, लेकिन आज बहुत जोर देकर कहूंगा कि हिल स्टेशन में मार्केट्स में बिना मास्क पहने बिना प्रोटोकॉल का पालन किए बिना भारी भीड़ का उमड़ना चिंता का विषय है। कई बार हम तर्क सुनते हैं और कुछ लोग सीना तानकर बोलते हैं कि तीसरी लहर आने से पहले हम एंजाय करना चाहते हैं> लोगों को समझाना जरूरी है कि तीसरी लहर अपने आप नहीं आएगी। कभी लोग पूछते हैं कि तीसरी लहर के लिए क्या तैयारी है, सवाल होना चाहिए कि तीसरी लहर को आने से कैसे रोकना है।’
‘…तो तीसरी लहर को भी रोक पाएंगे’
उन्होंने का कि कोरोना ऐसी चीज है कि यह अपने आप नहीं आती, कोई जाकर लाए तो आती है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम अगर चीजों पर सावधानी करेंगे तो तीसरी लहर को भी रोक पाएंगे। आने के बाद क्या करेंगे यह अलग विषय है लेकिन आने से रोकना प्रमुख विषय है। एक्सपर्ट भी बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि असावधानी, लापरवाही और भीड़भाड़ कोरोना संक्रमण में भारी उछाल आ सकता है, इसलिए जरूरी है कि हर स्तर पर हर कदम गंभीरता के साथ उठाया जाए। अधिक भीड़ वाले जो आयोजन रुक सकते हैं उनको रोकने का प्रयास करना चाहिए।’
‘हमें वैक्सिनेशन की प्रक्रिया तेज करनी है’
पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार के चलाए जा रहे सबको मुफ्त वैक्सीन अभियान की पूर्वोत्तर में भी उतनी ही अहमियत है। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर से मुकाबले के लिए हमें वैक्सिनेशन की प्रक्रिया तेज करनी है और इससे जुड़े भ्रम को दूर करने के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक क्षेत्रों के सिलेब्रिटियों को जोड़ना है और लोगों को प्रोटोकॉल पालन करने के लिए कहना है। उन्होंने कहा, ‘जहां कोरोना का संक्रमण का खतरा फैलने का ज्यादा है वहां टीकाकरण पर और भी बल दिया जाए। हमें टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करते हुए आगे चलना है। हाल ही में कैबिनेट में 23 हजार करोड़ रुपए का एक नया पैकेज भी स्वीकृत किया है, पूर्वोत्तर के हर राज्य को इस पैकेज से अपने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में मदद मिलेगी।’