नई दिल्ली: अलवर में क्राइम ब्रांच की टीम 8 साल पहले हुए क़त्ल के सुराग़ तलाशने में जुटी है, जिसके मद्देनजर पुलिस ने एक मैदान में खुदाई की। करीब 5 फीट गहरा गड्ढा खोदने के बाद पुलिस को एक नरकंकाल के अवशेष मिले, जिन्होंने सालों पहले ज़मीन में दफ़न की गई हत्या की कहानी को एक बार फिर ज़िन्दा कर दिया।
दरअसल, इस हत्याकांड का तानाबाना साल 2011 में बुना गया था। जब राजस्थान की रहने वाली शकुंतला की शादी समालखां में रवि से हुई थी। शादी के कुछ ही दिन बाद ही शकुंतला ने अपने प्रेमी और उसके ड्राइवर के साथ मिलकर रवि को मौत के घाट उतार दिया और उसका शव अलवर में दफ़न कर दिया।
दरअसल, पुलिस के पास रवि की हत्या का कोई सुराग़ नहीं था लेकिन रवि के पिता ने उसकी पत्नी शकुंतला और उसके भाई और शकुंतला के प्रेमी कमल पर शक जताया था। जिसके बाद पुलिस ने 2012 में तीनों का पॉलीग्राफ़ टेस्ट कराया, लेकिन आरोपी इतने शातिर थे कि पॉलीग्राफ़ टेस्ट में तीनों को क्लीन चिट मिल गई।
लेकिन, क्योंकि पुलिस का शक दिन-ब-दिन तीनों आरोपियों पर गहरा होता रहा तो पुलिस ने तीनों का साल 2017 में ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराया। जिसके बाद ये साफ़ हो गया कि शकुंतला ने अपने प्रेमी कमल और उसके ड्राइवर गणेश के साथ मिलकर अपने पति रवि की हत्या को अंजाम दिया था। लेकिन जैसे ही ब्रेनमैपिंग टेस्ट की रिपोर्ट आईं सभी आरोपी फरार हो गए।
अब क़त्ल के आठ साल बाद क़त्ल के दो आरोपियों कमल सिंगला और उसके ड्राइवर गणेश की गिरफ़्तारी हुई हैं। हालांकि, शकुंतला अब भी फ़रार है। पुलिस के मुताबिक़, जब आरोपियों का ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराया गया तो उन्हें लगा कि वो पकड़े जाएंगे, जिसके डर से आरोपियों ने रवि के नरकंकाल की कुछ हड्डियां निकाली और अलवर से रेवाडी रास्ते में कई जगह उन हड्डियों को फेंक दिया। फ़िलहाल, पुलिस अब इस पूरे हत्याकांड की तीसरी आरोपी की तलाश कर रही है।