Friday, November 22, 2024
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बलात्कारी के लिये मृत्युदंड से सख्त सजा कुछ नहीं हो सकती, पालक भी जिम्मेदारी समझें: ईरानी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों के लिये सरकारी संस्थाएं तो अपने कईं प्रयास कर ही रही हैं। लेकिन आधी आबादी के सम्मान की शुरूआत घरों से होनी चाहिए, क्योंकि परिवार नैतिक मूल्यों की धुरी होता है। 

Reported by: Bhasha
Published on: December 07, 2019 16:10 IST
Union Minister Smriti Irani- India TV Hindi
Image Source : PTI Union Minister Smriti Irani

इंदौर। सामूहिक बलात्कार के बाद युवतियों को जिंदा जलाये जाने की दो हालिया घटनाओं पर देशभर में आक्रोश के बीच केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को कहा कि आधी आबादी की सुरक्षा के लिए सरकार ने दुष्कृत्य के मामलों में मृत्युदंड तक का कानूनी प्रावधान किया है और इससे सख्त सजा कुछ नहीं हो सकती।

उन्होंने कहा कि समाज को भी ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफी’ जैसी चुनौतियों से निपटने पर विचार करना होगा और पालकों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए बच्चों को सिखाना होगा कि महिलाओं से सही बर्ताव किया जाये। ईरानी ने यहां रोटरी इंटरनेशनल के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान दोतरफा संवाद के सत्र में कहा, "चर्चा यह भी हो रही है कि बलात्कार के मुजरिमों के लिये और सख्त सजा का प्रावधान किया जाना चाहिये। ऐसे मामलों में सरकार की ओर से सजा-ए-मौत तक का कानूनी प्रावधान किया गया है। अब सजा-ए-मौत से ज्यादा सख्त सजा और कुछ नहीं हो सकती।"

उन्होंने बताया कि सरकार ने बलात्कार के मुकदमों की तेज सुनवाई के लिये देशभर में 1,023 ‘फास्टट्रैक कोर्ट’ स्थापित करने के लिये वित्तीय मदद देनी शुरू कर दी है। बलात्कार के मामलों में अदालतों से सजा पाने वाले सात लाख से ज्यादा यौन अपराधियों का राष्ट्रीय डेटाबेस भी बनाया गया है, ताकि इन लोगों पर नजर रखी जा सके। ईरानी ने अपील की कि बलात्कार पीड़िताओं की कानूनी मदद के लिये समाज को भी जिला स्तर पर आगे आना होगा, ताकि उन्हें इंसाफ मिल सके।

उन्होंने कहा, "हम एक नागरिक के तौर पर इंसाफ के लिये (सरकारी) संस्थाओं की ओर देखते हैं। बलात्कार की घटनाओं के लिये संस्थाओं, मीडिया, फिल्मों और साहित्य को जिम्मेदार ठहराया जाता है। लेकिन हमें खासकर पालकों के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए ख्याल रखना चाहिये कि हम अपने बच्चों के सामने महिलाओं की कैसी छवि पेश कर रहे हैं।"

ईरानी ने एक सवाल के जवाब में कहा, "मैं कल (शुक्रवार) संसद में महिला उत्पीड़न के बारे में बोल रही थी, तब दो पुरुष सांसद मुझे मारने के लिये आगे बढ़े। इसका कारण बस यह था कि मैं बोल रही थी। क्या महिलाओं के लिखने और बोलने से भी दूसरी महिलाओं का उत्पीड़न होता है?"

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों के लिये सरकारी संस्थाएं तो अपने कईं प्रयास कर ही रही हैं। लेकिन आधी आबादी के सम्मान की शुरूआत घरों से होनी चाहिए, क्योंकि परिवार नैतिक मूल्यों की धुरी होता है। उन्होंने कहा, "बलात्कार की घटनाओं और महिलाओं के खिलाफ अन्य अत्याचारों के विषय को हल्के में नहीं लिया जा सकता। इस विषय में हमें ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफी’ जैसी सामाजिक चुनौतियों का भी ध्यान रखना होगा।"

बलात्कार से महिलाओं को बचाने के लिये वेश्यावृत्ति को कानूनी मान्यता दिये जाने के विचार को सिरे से खारिज करते हुए ईरानी ने कहा, "वह समाज कैसा होगा जो महिला को एक वस्तु बनाकर अपनी शारीरिक जरूरतें पूरी करने की बात करता हो। जो लोग महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर वेश्यावृत्ति को कानूनी मान्यता देने की बात करते हैं, उनका रवैया सरासर अमानवीय है।"

महाराष्ट्र की हालिया राजनीतिक खींचतान का जिक्र करते हुए एक श्रोता ने पूछा कि इस सूबे में दोबारा भाजपा की सरकार कब बनेगी? इस सवाल पर ईरानी ने हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब दिया, "जिस भी मतदाता ने महाराष्ट्र के पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा को वोट दिया था, उसे अगली बार (अगले विधानसभा चुनावों में) सुनिश्चित करना होगा कि हम विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ कर दें।"

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