नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल और केरला में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीएम) पर जमकर निशाना साधा है। बीजेपी ने सीपीएम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि चीन का समर्थन लेफ्ट फ्रंट की प्राथमिकताओं में से है। बीजेपी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कम्यूनिस्टों को ना तो देश के नागरिकों से सहानुभूति है और ना ही यहां के सैनिकों से।
भाजपा ने शुक्रवार को चीन के पूर्व सुधारवादी नेता डेंग शियाओ पिंग को श्रद्धंजलि देने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को आड़े हाथों लिया और चीन का समर्थन करने का आरोप लगाया। माकपा की पुडुचेरी इकाई ने शुक्रवार को शियाओ पिंग की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी।
वाम दल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘24 साल पहले 19 फरवरी 1997 को कॉमरेड शियाओ पिंग का निधन हुआ था। वह एक क्रांतिकारी वामपंथी थे जो 1978 से 1989 तक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के नेता रहे। सीपीसी ने चीनी विशेषताओं के साथ चीनी समाजवाद का नेतृत्व किया जो मार्क्सवाद-लेनिनवाद और माओ के सिद्धांत से मार्गदर्शित था।’’
इस पर निशाना साधते हुए भाजपा ने कहा, ‘‘प्रिय पश्चिम बंगाल और केरल। वामा मोर्चे की प्राथमिकताएं बिल्कुल स्पष्ट है-चीन का समर्थन। पुरानी हो चुकी वामपंथी विचारधारा, वामपंथी पाखंड और वामपंथी निरंकुशता को खारिज कीजिए। उनकी संवेदना ना तो हमारे जवानों के साथ है ना ही हमारे नागरिकों के साथ।’’
ज्ञात हो कि केरल में वाम मोर्चे की सरकार है जिसका नेतृत्व माकपा कर रही है। भाजपा वहां की राजनीति में लंबे समय से पैर पसारने में लगी हुई है। लंबे समय तक पश्चिम बंगाल में शासन कर चुके वामपंथी दल इस बार वहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर तीसरा मोर्चो बनाने की कोशिशों में है। माना जा रहा है कि वहां मुख्य मुकाबला सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच है।
आने वाले समय में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) को लेकर केरल और पश्चिम बंगाल में माहौल गर्मा सकता है क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम के बाद सीएए लागू करने के संकेत दिए हैं। जिसके बाद से केरल और बंगाल में सियासी माहौल गर्म हो गया है।