नई दिल्ली: निजामुद्दीन मकरज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम की वजह से दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों जोरदार बढ़ोत्तरी हुई है। दिल्ली में गुरुवार शाम तक कोरोना वायरस के मामलों का कुल आंकड़ा बढ़कर 293 हो गया है जिसमें 182 मामले अकेले तबलीगी जमात के कार्यक्रम में आए लोगों के ही हैं। दिल्ली में इस वायरस के कारण मरने वीलों की संख्या भी 4 पहुंच चुकी है जिनमें से 2 मरकज़ निज़ामुद्दीन से हैं। सरकार ने वीजा शर्तों का उल्लंघन कर तबलीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने के कारण बृहस्पतिवार को 960 विदेशियों के नाम काली सूची में डाल दिए और उनके वीजा को भी रद्द कर दिया।
गृह मंत्रालय के कार्यालय ने दिल्ली पुलिस और अन्य राज्यों के पुलिस प्रमुखों को विदेशी कानून और आपदा प्रबंधन कानून के तहत कानूनी कार्रवाई करने को कहा है, जहां पर ये विदेशी फिलहाल रह रहे हैं। गृह मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘गृह मंत्रालय द्वारा पर्यटक वीजा पर तबलीगी जमात गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के कारण 960 विदेशियों को ब्लैक लिस्ट किया गया है और साथ ही उनका भारतीय वीजा भी रद्द कर दिया गया है।’’
इससे पहले दिल्ली आज दोपहर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मरकज से निकाले गए 2346 लोगों में से 108 में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई। केजरीवाल ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में आगामी दिनों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि सरकार ने मरकज से निकाले गए सभी लोगों की जांच कराने का निर्णय किया है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस के कुल मामले 219 हैं जिनमें चार लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में कोविड-19 के 208 मरीजों का इलाज चल रहा है जिनमें कोविड-19 का संक्रमण पाया गया था। इनमें से 202 की हालत स्थिर है जबकि शेष को छुट्टी दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इनमें से 51 लोगों ने विदेशों की यात्रा की थी और 29 लोग उनके परिवार के सदस्य हैं।
उन्होंने कहा कि वायरस राष्ट्रीय राजधानी में लोगों के बीच फैलना शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कुल 2,943 लोगों को पृथक किया है जिनमें 1,810 मरकज के हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि 21 हजार 307 लोगों को घरों में, स्वत: पृथक रहने के लिए कहा गया है। केजरीवाल ने कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के प्रयास के तहत किए गए बंद के दौरान दिल्ली सरकार ऑटोरिक्शा, ग्रामीण सेवा और ई-रिक्शा चालकों को पांच पांच हजार रुपये देगी।