नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नई टीका नीति की घोषणा करने के बाद कोविड-19 रोधी टीकों (Covid Vaccine) कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) की 44 करोड़ खुराकों के लिए ऑर्डर दिया है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को घोषणा की थी कि केंद्र राज्यों के खरीद कोटे को अपने हाथों में ले लेगा तथा 18 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए राज्यों को टीके मुफ्त उपलब्ध कराए जाएंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि विनिर्माताओं द्वारा कोविड रोधी टीकों की इन 44 करोड़ खुराकों की आपूर्ति दिसंबर तक उपलब्ध कराई जाएगी जिसकी शुरुआत अब से हो रही है।
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों में बदलाव की कल प्रधानमंत्री द्वारा घोषणा किए जाने के बाद केंद्र ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया को कोविशील्ड की 25 करोड़ खुराक तथा भारत बायोटेक को कोवैक्सीन की 19 करोड़ खुराकों के लिए ऑर्डर दिया है। उन्होंने कहा, "इसके अतिरिक्त, दोनों कोविड रोधी टीकों की खरीद के लिए 30 प्रतिशत अग्रिम राशि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक को जारी कर दी गई है।"
अधिकारी ने कहा कि केंद्र इस साल 16 जनवरी से "सरकार के समग्र दृष्टिकोण" के तहत प्रभावी टीकाकरण अभियान के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों का समर्थन कर रहा है। केंद्र को मिले विभिन्न ज्ञापनों के आधार पर, टीकाकरण रणनीति के तीसरे चरण में 18 साल से अधिक आयु के सभी वयस्कों के लिए टीकाकरण एक मई से शुरू किया गया था। अधिकारी ने कहा, "अब देशभर में टीकाकरण अभियान को और अधिक व्यापक बनाने के मकसद के बीच, 18 साल से अधिक आयु के सभी नागरिक सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड टीके की खुराक मुफ्त में ले सकते हैं।"
प्रधानमंत्री ने कल कहा था कि केंद्र ने टीका विनिर्माताओं से 75 प्रतिशत टीके खरीदकर राज्यों को इनकी नि:शुल्क आपूर्ति का फैसला किया है तथा निजी अस्पताल शेष 25 प्रतिशत टीके टीका विनिर्माताओं से खरीदना जारी रखेंगे। सरकार ने देश में उपलब्ध तीन कोविड रोधी टीकों के लिए निजी अस्पतालों द्वारा वसूले जाने वाला अधिकतम मूल्य भी तय कर दिया है।
इसके तहत निजी अस्पताल कोविशीलड के लिए 780 रुपये, कोवैक्सीन के लिए 1,410 रुपये तथा स्पूतनिक वी के लिए अधिकतम 1,145 रुपये वसूल कर सकते हैं। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र भेजकर कहा कि यदि निजी टीकाकरण केंद्र टीकों के लिए निर्धारित मूल्य से अधिक दाम वसूलें तो उनके खिलाफ उचित कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।