तिरुवनंतपुरम: कोरोना वायरस की तीसरी लहर का खौफ बढ़ता ही जा रहा है। सबसे ज्यादा चिंता दक्षिणी राज्य केरल दे रहा है। यहां पिछले कुछ दिनों से 30 हजार से ज्यादा नए केस आ रहे हैं। आज केरल में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 32,801 नए मामले सामने आए और 18,573 लोग ठीक हुए। इस दौरान 179 लोगों की मृत्यु दर्ज़ की गई। केरल स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को राज्य में 30007 नए कोरोना मामले सामने आए थे और बुधवार को 31445 कोरोना मामले दर्ज किए गए थे।
केरल में सिर्फ कोरोना मामले ही नहीं बढ़ रहे हैं बल्कि कोरोना की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार को राज्य में कोरोना की वजह से 179 लोगों की जान गई है। गुरुवार को 162 लोगों की मौत हुई थी। केरल स्वास्थ्य विभाग के अनुसार शुक्रवार को राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण की दर 19 प्रतिशत से ऊपर दर्ज की गई है जो गुरुवार को 18 प्रतिशत से ऊपर दर्ज की गई थी। बुधवार को 19 प्रतिशत से ज्यादा थी।
इस बीच मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य में कोविड-19 की चुनौती से निपटने में सरकार की कथित विफलता को लेकर हो रही आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें आशंका है कि यह निंदा महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में लोगों के सहयोग को कमतर करने के लिए है। केरल में कोरोना वायरस संक्रमण की बढ़ती हुई दर और नये मामलों में वृद्धि को लेकर राज्य सरकार चौतरफा आलोचना का सामना कर रही है।
सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मुखपत्रों में से एक साप्ताहिक पत्रिका ‘चिंता’ के नवीनतम संस्करण में प्रकाशित एक लेख में विजयन ने कहा कि समाज का एक वर्ग जानबूझकर महामारी के प्रबंधन संबंधी राज्य की रणनीतियों की आलोचना कर लोगों में भ्रम पैदा करने का प्रयास कर रहा है। विजयन ने कहा कि कुछ लोग आम जनता के बीच सरकार के प्रति रोष पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं, जिससे महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई कमजोर हो जाए।
केरल में कोविड-19 के दैनिक मामलों की संख्या 30 हजार पार करने के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अलावा भारतीय जनता पार्टी राज्य की वामपंथी सरकार की आलोचना कर रही है। विजयन ने कहा, ‘‘केरल में ऑक्सीजन की कमी के कारण एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई थी। किसी को भी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित नहीं किया गया है अथवा किसी को भी आपात स्थिति के दौरान अस्पताल में बिस्तर नहीं मिलने जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा है।’’
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